शिलांग: मेघालय के मुख्यमंत्री और नेशनल पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष कॉनराड संगमा ने कहा कि उनकी पार्टी एनडीए सरकार के साथ संबंधों को तोड़ने पर ‘उचित समय’ का इंतजार कर रही है. उन्होंने यह बात विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 को लेकर कही. इस बिल को लेकर कई समूहों की भाजपा (BJP) के साथ गठबंधन तोड़ने की मांग को लेकर संगमा से सवाल पूछा गया था, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘अगर केंद्र सरकार बिल को राज्यसभा लेकर जाती है तो हम एक उचित समय पर फैसला करेंगे.’ एनपीपी मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन कर रही है तो वहीं एनपीपी नेतृत्व वाले मेघालय डेमोक्रेटिक गठबंधन सरकार को भाजपा समर्थन दे रही है. 
उत्तर-पूर्व की अन्य क्षेत्रिय पार्टियों के साथ संगमा ने कई दलों से समर्थन की मांग की है कि अगर यह बिल राज्यसभा में पेश किया जाए तो इसके विरोध में वोट दें. आठ जनवरी को लोकसभा में पहले ही पास हो चुके बिल में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के छह गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है. मुख्यमंत्री संगमा ने कहा, ‘हमने दिल्ली में की नेताओं से मुलाकात की है और उनसे समर्थन की मांग की है कि अगर राज्यसभा में यह बिल पेश हो तो उसके खिलाफ में वोट दें. हम लोग समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं के संपर्क में भी हैं. एनपीपी और कई अन्य पार्टियां इस बिल के खिलाफ हैं, क्योंकि इससे क्षेत्र की जनसांख्यिकी बिगड़ जाएगी. बता दें,
पूर्वोत्तर की 11 राजनीतिक पार्टियां नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 के खिलाफ एकजुट हुईं हैं और केंद्र सरकार से इसे रद्द करने की अपील करने का फैसला किया था. सिक्किम को छोड़कर अन्य सात पूर्वोत्तर राज्यों की पार्टियों ने दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लिया था और एकमत से इस विधेयक का विरोध करने का फैसला किया. सम्मेलन के संयोजक मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने कहा था कि ये पार्टियां इस विधेयक को रद्द करने की मांग के साथ एक प्रतिनिधिमंडल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए भेजेंगी. उन्होंने कहा था कि इससे ‘राज्य के स्थानीय लोगों की जिंदगियों और पहचान को खतरा है.’ यह विधेयक लोकसभा में आठ जनवरी को पारित किया गया था.
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