
अशोक यादव, लखनऊ। कोरोना वायरस से मची दहशत के बीच इस वायरस से संक्रमितों को लेकर कुछ सुखद खबरें भी मिल रही है। केजीएमयू के डॉक्टरों के प्रयासों से कामयाबी मिली है। केजीएमयू ने मंगलवार को 3 मरीजों को एक साथ डिस्चार्ज किया।
इसमें एक मरीज लगातार 24 दिन से कोरोना वायरस को मात देने में जुटा था। डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ ने लगातार हौसला बढ़ाया। आखिर में कोरोना हार गया।
केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि कुल आठ कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती थे। जिनमें चार मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं।
मंगलवार को तीन मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। जबकि राजधानी की पहली महिला डॉक्टर मरीज 19 मार्च को डिस्चार्ज की जा चुकी हैं।
राजधानी की पहली महिला डॉक्टर मरीज इंदिरानगर निवासी रिश्तेदार को संक्रमण हो गया था। 14 मार्च को उन्हें केजीएमयू में भर्ती कराया गया। 24 दिन लगातार मरीज आईसोलेशन वार्ड में भर्ती था। इलाज के बाद मरीज ने कोरेाना वायरस को मात दी।
महिला डॉक्टर का इलाज कर रहे केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टर को संक्रमण हो गया। लक्षणों के बाद रेजिडेंट डॉक्टर को आईसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था। करीब 21 दिन के इलाज से कोरोना को मात दी।
विदेश यात्रा कर लौटे युवक ने भी कोरोना को मात देने में कामयाबी की। 18 मार्च को कोरोना की पुष्टि के बाद युवक को भर्ती कराया गया था। तकरीबन 20 दिन की लड़ाई के बाद युवक ने कोरोना पर जीत हासिल की है।
केजीएमयू कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट ने कहा कि कोरोना संक्रमण से घबराएं नहीं लेकिन संजीदा जरूर रहें। केजीएमयू के डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ व कर्मचारियों ने मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराया। नतीजतन बीमारी हार गई।
उन्होंने कहा कि जब हमारा रेजिडेंट डॉक्टर संक्रमित हुआ तो थोड़ा सा भय दूसरे लोगों में मन में आया। पर, हौसले से बीमारी को हराने में कामयाबी हासिल की है।
सीएमएसए डॉ. एसएन शंखवार ने बताया कि लॉकडाउन व सोशल डिस्टैसिंग का पालन करें। उन्होंने कहा कि केजीएमयू हमेशा मरीजों की सेवा में लगा है।
मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र आतम ने डॉक्टर व कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि दवाओं का सही चुनाव कर बीमारी को हराने में मदद मिली है।
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