अशाेेेक यादव, लखनऊ। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा है कि नए 26एस फॉर्म के जरिए आयकरदाता और अधिक आसानी से और सटीक रूप से अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर पाएंगे। इस असेसमेंट ईयर से टैक्सपेयर्स को नया 26AS फॉर्म उपलब्ध होगा जिसमें टैक्सपेयर्स की वित्तीय लेनदेन की अतिरिक्त जानकारियां होंगी, जिनका विभिन्न कैटिगरी के फाइनैंशल ट्रांजैक्शन में जिक्र होता है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा इन एसएफटी से प्राप्त जानकारी को फॉर्म 26AS के पार्ट ई में दिखाया जा रहा है। सीबीडीटी प्रवक्ता सुरभी अहलुवालिया ने कहा, ”इससे टैक्सपेयर्स अपने टैक्स की ठीक से गणना कर पाएंगे और वे अच्छा महसूस करेंगे। इससे टैक्स प्रशासन में पारदर्शिता आएगी और जवाबदेही बढ़ेगी।
पहले फॉर्म 26AS में किसी पैन कार्ड से जुड़े टीडीएस और टीसीएस की जानकारी के अलावा कुछ अन्य टैक्स की सूचना होती थी। लेकिन अब इसमें एसएफटी होगी, ताकि टैक्सपेयर्स को सभी बड़े वित्तीय लेनदेन को याद रखने में मदद मिले और टैक्स फाइल करते हुए आसानी होगी।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को कैश डिपॉजिट, नकदी निकासी, चल-अचल संपत्ति बिक्री, क्रेडिट कार्ड पेमेंट, शेयरों की खरीद, म्युचुअल फंड्स, शेयर बायबैक, सामानों और सेवाओं के लिए कैश पेमेंट आदि की जानकारी बैंक, म्युचुअल फंड्स, बॉन्ड्स जारी करने वाले संस्थाओं, रजिस्ट्रार आदि से अधिक मूल्य के वित्तीय लेनदेन की जानकारी 2016 से मिल रही है। अब यह सारी जानकारी फॉर्म 26AS में दिखाई देगी।
फॉर्म 26AS के पार्ट ई में लेनदेन का प्रकार, एसएफटी फिलर का नाम, लेनदेन की तारीख, राशि, मोड ऑफ पेंमेंट आदि की पूरी जानकारी मिलेगी। अहलुवालिया ने कहा, ”इससे ईमानदार टैक्सपेयर्स को फाइलिंग में आसानी होगी तो उन रिटर्न फाइल करते समय जानकारी छिपाने वालों को ऐसा करने से रोका जा सकता है।”
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