नई दिल्ली: राजस्थान में किसानों को 50 रुपए से लेकर 5,000 रुपए तक की कर्ज माफी मिली है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के 2017 में मामूली रकम के कर्ज माफ करने पर राजनीतिक विवाद खड़ा होने के बाद अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर उंगलियां उठने लगी हैं। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के लगभग एक महीने बाद 7 फरवरी को करोड़ों रुपए की किसानों की कर्ज माफी की शुरुआत की गई थी। इसके तहत 19 लाख किसानों के कर्ज माफ करने की जानकारी दी गई थी हालांकि, वास्तविक स्थिति अलग है। इस योजना में शामिल किसानों में से लगभग 32 फीसदी को 50 रुपए से लेकर 15,000 रुपए तक की कर्ज माफी मिली है।
लगभग 3.2 लाख किसानों के 5,000-10,000 रुपए के राज्य के सहकारिता विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 7 फरवरी से 1 मार्च के बीच 20.64 लाख किसानों के 7,000 करोड़ रुपए के लोन माफ किए गए हैं। इनमें से 8.5 फीसदी किसानों को केवल 50 रुपए से 5,000 रुपए की कर्ज माफी मिली है। केवल 1,007 किसानों के 3 लाख रुपए और अधिक के कर्ज माफ हुए हैं। लगभग 2,268 किसानों को 2-2.5 लाख रुपए के बीच कर्ज छूट मिली है। आंकड़ों से पता चलता है कि केवल 5 फीसदी किसानों (करीब 1.04 लाख) को 1 लाख रुपए और अधिक की कर्ज माफी मिली है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार को किसानों के कर्ज माफ करने के नाम पर श्दिखावाश् करने के लिए 2017 में काफी निंदा झेलनी पड़ी थी। राज्य सरकार ने 1 रुपए तक की कर्ज माफी भी दी थी। कांग्रेस ने इसे लेकर बीजेपी को निशाने पर लिया था।
हालांकि, अब कांग्रेस को खुद इसी मुद्दे पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी के विधायक और राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा, श्यह गहलोत सरकार की कर्ज माफी का सच है। उन्होंने केवल सहकारी बैंकों से लिए गए कर्ज माफ किए हैं, जो हमने पहले ही किया है। उन्होंने राजस्थान के लोगों से झूठ बोला है। बीजेपी का कहना है कि वह गहलोत सरकार की कर्ज माफी योजना की वास्तविकता सामने लाएगी। कटारिया ने कहा, श्वे उन किसानों को योजना में शामिल कर रहे हैं जिन्हें हमारी योजना से फायदा मिला था। इसका क्या मतलब है? अब हम सचाई को सामने लाएंगे।
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