नई दिल्ली। कांग्रेस सहित विपक्ष के 14 दलों के नेताओं ने सरकार से संसदीय लोकतंत्र का सम्मान कर संसद में देशहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कराने की अपील की है। विपक्षी दलों के नेताओं ने बुधवार को यहां जारी एक संयुक्त बयान में कहा कि पेगासस तथा अन्य मामलों में पूरा विपक्ष एकजुट है लेकिन सरकार दुष्प्रचार कर संसद नहीं चलने देने का आरोप लगाकर विपक्ष की इस एकता पर हमला करने का असफल प्रयास कर रही है।
संयुक्त बयान में कहा गया है कि सरकार संसद में अपने अडियल रुख के कारण गतिरोध जारी रखे हुए है। सरकार अहम तथा घमंड में चूर है और संसद के दोनों सदनों में इन मुद्दे पर चर्चा कराने तथा गृह मंत्री से चर्चा का जवाब देने की विपक्ष की मांग को नजरअंदाज कर रही है।
विपक्ष के जिन नेताओं ने यह बयान जारी किया है, उनमें राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे,राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, द्रमुक के टी आर बालू और तिरुचि शिवा, कांग्रेस के आनंद शर्मा, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ-ब्रायन और कल्याण बनर्जी, शिव सेना के संजय राउत और विनय राउत, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के ई करीम, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता, आईयूएमएल के ई टी मोहम्मद बशीर, नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूद, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन तथा एलजेडी के एम वी श्रेयम कुमार शामिल हैं।
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