लखनऊ: कर्नाटक में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से कांग्रेस के अंदर जारी उठापटक बड़ा रूप ले सकती है। पार्टी के जिन विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है, उन्होंने कर्नाटक कांग्रेस के प्रभारी केसी वेणुगोपाल और उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर से नाराजगी जाहिर की है। चर्चा है कि इनमें से कुछ असंतुष्ट विधायक बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं और कुछ कांग्रेस छोड़ने का मन लगभग बना चुके हैं। कांग्रेसी विधायक एचएम रेवन्ना ने साफ तौर पर कहा है कि वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं से बातचीत कर रहे हैं और वह बीजेपी जॉइन कर सकते हैं। बीजेपी की ओर से भी इस बात पर हामी भरी गई है। इन विधायकों का कहना है कि केसी वेणुगोपाल और उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने अपना रोल सही से नहीं निभाया है। बता दें कि मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही मंत्री बनाए जाने की राह देख रहे कई नेता और उनके समर्थक गुरुवार को कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन करते नजर आए।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक पार्टी हाइकमान विरोध के स्वर ऊंचे करने वाले नेताओं पर नजर रखे हैं और भविष्य में उनके लिए मंत्रीपद हासिल करना और भी मुश्किल हो सकता है। पार्टी मंत्रियों में विभाग बांटने के लिए भी इंतजार कर रही है। एक सीनियर कार्यकर्ता के मुताबिक शुक्रवार तक आंतरिक विरोध कम हो सकता है। उसके बाद विभाग बांटे जाएंगे।कई कार्यकर्ता शांत होने के मूड में नहीं हैं। यहां तक कि एचएम रेवन्ना ने बताया है कि वह बीजेपी नेताओं से बातचीत कर रहे हैं और वह बीजेपी जॉइन कर सकते हैं। बीजेपी की ओर से भी इस बात पर हामी भरी गई है।
उधर, एमबी पाटिल के घर पर गुरुवार को बैठक हुई जिसमें नाखुश विधायक शामिल हुए। इनमें एमटीबी नागराज, सतीश झारखोली, के सुधाकर और रोशन बेग शामिल थे। झारखोली ने बैठक के बाद बताया कि कई नेता पार्टी को मजबूत करने की कोशिशों के बाद भी मंत्रीपद न दिए जाने से नाराज थे, इसलिए इस पर चर्चा की गई।उन्होंने बताया कि बैठक में चर्चा की गई कि पार्टी हाइकमान के सामने यह बताया जाए कि योग्य विधायकों को नजरअंदाज किया गया। हालांकि, पाटिल ने बैठक में मंत्रिमंडल से जुड़ी चर्चा के बारे कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा कि बैठक में पार्टी के कल्याण के बारे में बात की गई।
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