सिडनी: ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने सोमवार को कहा कि इस महीने की शुरुआत में देश की संसद के कंप्यूटिंग नेटवर्क पर हुए साइबर हमले के पीछे किसी दूसरे देश का हाथ है और इसदुर्भावनापूर्ण घुसपैठ’’ ने कुछ राजनीतिक पार्टियों के नेटवर्क को भी प्रभावित किया। मॉरिसन की यह टिप्पणी हैकिंग के इस प्रयास की जांच के बाद आई है। पहले माना जा रहा था कि हैकिंग सिर्फ संसद के सर्वरों तक ही सीमित थी। उन्होंने कहा,इस जांच के दौरान हमें यह भी मालूम हुआ कि कुछ राजनीतिक पार्टियां, लिबरल, लेबर एवं नेशनल्स के नेटवर्क भी इससे प्रभावित हुए।’’ मॉरिसन ने कहा कि किसी चुनावी हस्तक्षेप के संबंध में कोई सबूत नहीं मिले हैं।’’ ऑस्ट्रेलिया में मई के मध्य में चुनाव हो सकते हैं।
जिससे यह चिंता पैदा हो गई है कि हो सकता है कि हैकर मतदान के नतीजों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने सांसदों को बताया,सुरक्षा एजेंसियों ने इस गतिविधि का पता लगाया और इससे निपटने के लिए कड़ी कार्रवाई की। वे इन प्रणालियों को सुरक्षित कर यूजर्स को बचा रहे हैं।’’ मॉरिसन ने कहा कि साइबर विशेषज्ञों का मानना है कि इस दुर्भावनापूर्ण गतिविधि के लिए कोई दूसरा देश जिम्मेदार है। हालांकि उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया। आठ फरवरी को हुए संसदीय प्रणाली को हैक करने के प्रयास के बाद सांसदों एवं संसद के कर्मचारियों को एहतियात के तौर पर अपने कंप्यूटर के पासवर्ड बदलने पर मजबूर होना पड़ा था।
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