श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं, क्योंकि सीमा पार से आतंकवाद का खतरा अब भी बना हुआ है. जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने शनिवार को बताया, ‘‘सीमा पार से होने वाले आतंकवाद का खतरा अब भी बना हुआ है. सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं.” कंसल राज्य सरकार के प्रवक्ता भी हैं. वह राज्य के हालात के बारे में मीडिया को जानकारी दे रहे थे. कंसल ने कहा, ‘‘घाटी के 69 थाना क्षेत्रों में पाबंदियों को दिन के समय पूरी तरह से हटा दिया गया है जबकि जम्मू क्षेत्र के 81 थाना क्षेत्रों में दिन के समय में कोई प्रतिबंध नहीं लगा रखा है.”
इससे पहले 73वें स्वतंत्रता दिवस को देखते हुए सुरक्षा बलों को अतिरिक्त चौकन्ना रहने के लिए कहा गया था. एक अधिकारी ने खुलासा करते हुए कहा था कि हम लगातार उन संदेशों को इंटरसेप्ट कर रहे हैं जहां पाकिस्तान अपने अधिकारियों को हमले के निर्देश दे रहा है. खबर है कि इस्लामाबाद ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) तथा जम्मू एवं कश्मीर से लगती अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तत्काल दर्जन भर आतंकी शिविर फिर से सक्रिय कर दिए हैं. पेरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्थान फाइनेंशियलएक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा दी गई मई 2019 तक की समयसीमा को देखते हुए लगभग पूरी तरह बंद हुए इन आतंकी शिविरों में पिछले सप्ताह के दौरान काफी ज्यादा गतिविधियां देखी गईं.
शीर्ष खुफिया सूत्रों ने कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लगे पीओके क्षेत्र के कोटली, रावलकोट, बाघ और मुजफ्फराबाद में आतंकी शिविर प्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तानी सेना के सहयोग से दोबारा सक्रिय हो गए हैं जिसे देखते हुए भारतीय सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. बता दें धारा 370 हटने और जम्मू कश्मीर के विभाजन के बाद से राज्य को हाई अलर्ट पर रखा गया था. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषण के बाद इस सुरक्षा पहरे को और सघन कर दिया गया. जहां इमरान खान ने भारत सरकार के फैसलों की आलोचना की थी. आए दिन पाकिस्तान की ओर से सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है. मंगलवार को पुंछ जिले के मेंढर और कृष्णाघाटी सेक्टर में हुई पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी में भारतीय सेना का एक जवान भी शहीद हो गया.
Suryoday Bharat Suryoday Bharat