बुलंदशहर। उत्तरप्रदेश में इन दिनों नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां चल रहीं हैं। जीएसटी से नाराज व्यापारियों ने चुनाव से पहले से ही दुकानों के बाहर बैनर टांग दिए हैं। जिन पर साफतौर से लिखा हुआ है कि, ‘कमल का फूल व्यापारियों की भूल, भाजपा वाले वोट मांगकर शर्मिन्दा न हों। इसे जीएसटी का असर बताया जा रहा है। बता दें कि गुजरात चुनाव में जीएसटी के विरोध के कारण जीएसटी काउंसिल को 178 उत्पादों पर टैक्स कम करना पड़ा।
बुलंदशहर के गुलावठी सैदपुर रोड व्यापारी की किराने की दुकान है। व्यापारी नरेन्द्र गोयनका ने भाजपा की नीतियों से नाराज होकर बैनर लगाया है। व्यापारी नरेन्द्र गोयनका की मानें तो वह भाजपा के कट्टर सर्मथक हैं और हमेशा भाजपा को वोट देते हैं। इस व्यापारी ने भाजपा की नीतियों से परेशान होकर यह कदम उठाया है। व्यापारी का कहना है कि भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा शोषण व्यापारी का हो रहा है।
व्यापारी नरेन्द्र गोयनका ने कहा कि ‘नगर में पक्षपातपूर्ण तरीके से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। भाजपा सरकार के अधिकारियों ने पराग डेयरी के पीछे एक वर्ग विशेष के लोगों द्वारा किए गए अतिक्रमण को नहीं हटाया। यही नहीं प्रदूषण के नाम पर नगरपालिका कर्मचारियों ने व्यापारियों की दुकानों से पिन्नी जब्त कर ले गए, लेकिन पिन्नी पर रोक लगानी है तो सरकार पिन्नी के उत्पादन पर रोक लगानी चाहिए। कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी आये दिन व्यापारियों का शोषण करते हैं। साथ ही कहा कि जीएसटी से भी व्यापारियों का शोषण हो रहा हैं।’
गुलावठी के भाजपा नगरध्यक्ष अनिल सिंहल ने बताया कि ‘नगर पालिका परिषद की पक्षपात पूर्ण कार्यशैली से व्यापरी नरेन्द्र गोयनका नाराज है। पालिका पर पक्षपातपूर्ण अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर व्यापारी को सरकार विरोधी बनाने का कार्य किया है। व्यापारी वर्ग चाहता है कि राज्य सरकार कार्य के दौरान संगठन के कार्यकर्ता अधिकारियों को रोकें, लेकिन जब भाजपा कार्यकर्ता अधिकारियों से वार्ता करते हैं तो वो सुनने को तैयार नहीं होते।’
गुलावठी ईओ नगर पालिका परिषद मुक्ता सिंह ने बताया कि ‘शासन की नीति के तहत अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया था। खोखा व्यपारियों को स्ट्रीट वेण्डर्स मानते हुए अतिक्रमण हटाओ अभियान में शामिल नहीं किया गया था। फौरी निती के तहत वेण्डर्स के लिए स्थान शीघ्र चयनित कर खोखों को हटवाया जायेगा। पिन्नी प्रयोग प्रतिबंध होने के कारण निप्पियां जब्त की गयी है।’
Suryoday Bharat Suryoday Bharat