
राहुल यादव, लखनऊ।प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में करोना की भयावह महामारी के उच्चतम स्तर पर होने के बाबजूद पंचायत चुनाव और चुनाव में मृत चुनाव कर्मियों को लेकर शनिवार को ट्वीट किया।
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि उप्र में चुनाव ड्यूटी करने वाले लगभग 700 शिक्षकों की मृत्यु हो चुकी है। इसमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है जिसे चुनाव ड्यूटी करने के लिए जबरन मजबूर किया गया।
कोरोना की दूसरी लहर की भयावहता के बारे में एक बार भी विचार किए बिना उप्र की लगभग 60,000 ग्राम पंचायतों में इन चुनावों को कराया गया। बैठकें हुईं, चुनाव अभियान चला और अब ग्रामीण इलाकों में कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में लोगों की बड़ी संख्या में मृत्यु हो रही है जोकि झूठे सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा है।
पूरे उप्र के ग्रामीण इलाकों में लोगों की घरों में मृत्यु हो जा रही है और इनको कोविड से होने वाली मौतों के आंकड़ों में गिना भी नहीं जा रहा क्योंकि ग्रामीण इलाकों में टेस्ट ही नहीं हो रहे हैं।
सरकार का रुख सच दबाने की तरफ है और उसका अधिकतम प्रयास जनता व लोगों की दिन रात सेवा कर रहे मेडिकल समुदाय को भयभीत करने में रहा है।
उप्र में जो घट रहा है वह मानवता के खिलाफ अपराध से कम नहीं है और राज्य चुनाव आयोग इसमें भागीदार है।
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