
अशाेेेक यादव, लखनऊ।
उत्तर प्रदेश में केजीएमयू के बाद लोहिया संस्थान में पूल टेस्टिंग शुरू कर दी गई है।
इस प्रक्रिया से कम समय में अधिक मरीजों की जांच होगी।
केजीएमयू और लोहिया संस्थानों के अधिकारियों का दावा है कि कम खर्च में अधिक मरीजों की जांच करने में आसानी होगी।
समय भी कम लगेगा। ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच के लिए पूल टेस्टिंग की शुरूआत की गई है।
लोहिया संस्थान में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. ज्योत्सना अग्रवाल के मुताबिक शनिवार से पूल टेस्टिंग चालू की गई है।
अधिकारियों के मुताबिक अब तक संस्थान में 18 सौ नमूनों की जांच की जा चुकी है।
वहीं केजीएमयू माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्षा डॉ. अमिता जैन का कहना है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की गाइड लाइन के हिसाब से पूल टेस्टिंग की जा रही है।
अभी पांच लोगों के नमूने के छोटे अंशको मिलाकर उसकी जांच की जा रही है।
यदि नमूना निगेटिव आता है तो पांचों मरीज में वायरस नहीं है।
यदि नमूना पॉजिटिव आया तो सभी की अलग-अलग जांच की जाएगी।
जिससे संक्रमित मरीज को पहचान की जा सके।
उन्होंने बताया कि प्रदेश भर के करीब 14 हजार लोगों के नमूनों की जांच की जा चुकी है।
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