
अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने डॉक्टरों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने पोस्ट-ग्रेजुएशन मेडिकल कोर्स के छात्रों को डिग्री के बाद 10 साल तक राज्य के अस्पतालों में सेवा देना अनिवार्य कर दिया है। ऐसा नहीं करने वालों को एक करोड़ रुपए का जुर्माना देना होगा।
सरकार का कहना है कि नीट में छूट की व्यवस्था भी की गई है ताकि सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जा सके।
सरकार द्वारा जारी किए गए इस नए नियम में कहा गया है कि विभाग की ओर से इस संबंध में अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं की जाएगी।
साथ ही कहा गया है कि अब डॉक्टर पीजी के साथ ही डिप्लोमा कोर्सेज में भी एडमिशन ले सकते हैं। इसके अलावा बीच में कोर्स छोड़ने वालों को अगले तीन वर्षों के लिए पीजी डिग्री कोर्स से डिबार कर दिया जाएगा।
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