
अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कल से मतगणना प्रक्रिया शुरू करने अनुमति दे दी है। लेकिन जीत का जश्न मनाने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने ये अनुमति राज्य चुनाव आयोग द्वारा दिए गए आश्वासन को ध्यान में रखते हुए दी है कि मतगणना केंद्रों पर कोरोना से बचने के पर्याप्त उपाय किए जाएंगे। साथ ही कोविड दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा।
याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव जारी रखने के लिए कहा गया था। याचिकाकर्ता का कहना था कि इसके चलते चुनावकर्मी और मतदाता बड़े पैमाने पर कोरोना से संक्रमित हुए। अब मतदान के सभी चरण पूरे हो चुके हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट या तो मतगणना को फिलहाल रोक दे या सुरक्षा प्रोटोकॉल पर आदेश दे। कोर्ट ने शुक्रवार को कहा था कि वह राज्य चुनाव आयोग को सुनने के बाद ही कोई आदेश देगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दो मई, रविवार को पंचायत चुनाव में हुए मतदान के मतों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू होगी और सभी मतपत्रों की गिनती होने तक जारी रहेगी। उन्होंने संभावना जताई कि मतगणना प्रक्रिया पूरा होने में लगभग दो दिन का समय लग सकता है। राज्य निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों और अभिकर्ताओं को स्पष्ट हिदायत दी है कि मतगणना केंद्रों में उन्हें ही प्रवेश मिलेगा जिनकी कोविड की रिपोर्ट निगेटिव होगी।
बता दें, प्रदेश के 75 जिलों में चार चरणों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मत डाले जा चुके हैं। पहले चरण में 15 अप्रैल, दूसरे में 19 अप्रैल, तीसरे में 26 अप्रैल और चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान संपन्न हुआ। राज्य में चारों चरणों में ग्राम पंचायत प्रधान के 58,194, ग्राम पंचायत सदस्य के 7,31,813, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 75,808 तथा जिला पंचायत सदस्य के 3,051 पदों के लिए मत डाले गए हैं। इनमें से कुछ पदों पर निर्विरोध निर्वाचन भी हो चुका है।
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