
बेनामी संपत्ति विरोधी कानून के तहत हुई आयकर विभाग की पूछताछ पर रॉबर्ट वाड्रा ने मंगलवार को जवाब दिया है। वाड्रा का कहना है कि वे हर सवाल के जवाब देने के लिए तैयार हैं। आयकर विभाग के अधिकारियों ने सोमवार और मंगलवार लगातार दो दिनों तक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ की थी।
पेशे से कारोबारी 52 वर्षीय वाड्रा ने पूछताछ के बाद कहा, ”मैंने सभी डॉक्यूमेंट्स दे दिए हैं। उनके पास शुरू से लेकर अब तक सबकुछ है। उनके जो भी सवाल हैं, उनका मैं जवाब देने के लिए यहां हूं।” इससे पहले सोमवार की पूछताछ खत्म होने के बाद वाड्रा ने कहा था कि इसका मकसद किसानों के आंदोलन जैसे देश से जुड़े वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाना है।
सूत्रों की मानें तो रॉबर्ट वाड्रा को आयकर विभाग के कार्यालय पहुंचकर जांच में शामिल होना था, लेकिन उन्होंने कोविड-19 से संबंधित दिशानिर्देशों का हवाला दिया। इसके बाद आयकर अधिकारियों का दल सुखदेव विहार स्थित उनके आधिकारिक परिसर पहुंचा और पूछताछ की।
आयकर विभाग के दल की ओर से बेनामी संपत्ति लेनदेन कानून के तहत करीब आठ घंटों तक वाड्रा से सोमवार को पूछताछ हुई थी। अधिकारियों ने उनका बयान दर्ज किया था। इसके बाद, फिर से मंगलवार को उनसे पूछताछ की गई।
भाषा के सूत्रों के अनुसार, राजस्थान के बीकानेर में वाड्रा से संबंधित एक कंपनी द्वारा कुछ जमीन खरीदे जाने के संदर्भ में पूछताछ की गई है। इसी मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2015 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। प्रवर्तन निदेशालय पहले भी वाड्रा से पूछताछ कर चुका है और उसने 2019 में उनकी कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड की 4.62 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।
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