ब्रेकिंग:

आम्रपाली ने की थी होम बायर्स के 3000 करोड़ रुपए की हेराफेरी, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

नई दिल्ली: फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में रियल एस्टेट कंपनी आम्रपाली के डूबने के कारण का खुलासा हुआ है। आम्रपाली ग्रुप ने होमबायर्स के 3,000 करोड़ रुपए की हेराफेरी थी। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मकान खरीदारों के पैसों के दुरुपयोग का पता लगाने के लिए 7 महीने पहले फॉरेंसिक ऑडिट का आदेश जारी किया था। जिसके बाद यह खुलासा संभव हो सका है।
सुप्रीम कोर्ट में ऑडिटर रवि भाटिया तथा पवन अग्रवाल ने 2,000 पन्नों की भारी-भरकम रिपोर्ट जमा की। उन्होंने बताया कि ग्रुप ने पैसों की हेराफेरी के लिए 100 से भी अधिक मुखौटा कंपनियां बनाईं।

ये कंपनियां कंपनी के अधिकारियों के साथ ही एक चपरासी के नाम पर भी खोली गई थी, जिसे कंपनी में एक वरिष्ठ पद पर बैठाया गया था। इन पैसों का इस्तेमाल कंपनी के निदेशकों, अधिकारियों और उनके रिश्तेदारों ने व्यक्तिगत फायदे के लिए किया। रिपोर्ट में यह बात स्पष्ट की गई है कि कंपनी बाजार की परिस्थितयां बदलने या निवेश का फैसला गलत होने की वजह से नहीं डूबी, बल्कि यह ग्रुप के मालिकों द्वारा जानबूझकर किए गए आपराधिक कृत्यों की वजह से डूबी। सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल सितंबर में फॉरेंसिक ऑडिट का आदेश जारी किया था।

मकान के हजारों खरीदारों की याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति यू. यू. ललित ने अपने वकील एम. एल. लाहोटी को गुरुवार को जानकारी दी कि ऑडिटरों ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और न्यायालय 9 अप्रैल को उसकी पड़ताल करेगा। उल्लेखनीय है कि आम्रपाली हाउजिंग प्रॉजेक्ट्स में लगभग 46 हजार लोगों ने निवेश किया है लेकिन उन्हें फ्लैट नहीं दिया गया। कर्जदाता बैंकों द्वारा कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने के बाद खरीदारों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिस पर कोर्ट ने मकानों के कंस्ट्रक्शन की निगरानी करने का फैसला किया। साथ ही कोर्ट ने खरीदारों को आश्वासन दिया कि उनके हितों की रक्षा की जाएगी। लोगों के पैसे कहां गए इसका पता लगाने के लिए कोर्ट ने 46 रजिस्टर्ड कंपनियों की फॉरेंसिक ऑडिट कराने का निर्देश दिया।

Loading...

Check Also

प्रयागराज में मंत्री नरेंद्र कश्यप ने दिव्य महाकुंभ – 2025 प्रदर्शनी का किया शुभारंभ

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ / प्रयागराज : प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com