
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड को जल्द ही शुरू करने की उम्मीद है। इसका लक्ष्य “भारत की आतंकवाद-रोधी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी” प्रदान करना है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों ने बताया कि महत्वाकांक्षी इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस का अंतिम “तादात्म्य और परीक्षण” किया जा रहा है ताकि इसे शुरू किया जा सके।
मुंबई में 26 नवंबर 2008 को किए गए आतंकवादी हमले के बाद इसका विचार आया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में संकेत दिया था कि नेटग्रिड को जल्द ही शुरू किया जा सकता है। इसकी अवधारणा यह है कि आंतकवादियों को लेकर सूचनाओं का निर्बाध और सुरक्षित डेटाबेस हो।
शाह ने पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के चार सितंबर को 51वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में कहा था कि अगर कोरोना नहीं आया होता तो प्रधानमंत्री नेटग्रिड को देश को समर्पित कर चुके होते। मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री जल्दी ही नेटग्रिड को देश को समर्पित करेंगे।
नेटग्रिड की अवधारणा एक ऐसे तंत्र के रूप में की गई है जो डेटा की मदद से संदिग्धों का पता लगाए और आतंकवाद और आतंकवादी हमलों को रोके तथा उसकी आव्रजन, बैंकिंग, व्यक्तिगत आयकर, हवाई व ट्रेन यात्रा जैसी गुप्त सूचना तक पहुंच हो।
मुंबई में 2008 में हुए 26/11 के हमलों के दौरान आतंकवादियों ने शहर की घेराबंदी की, जिसने इस खामी को उजागर किया कि सुरक्षा एजेंसियों के पास अहम सूचनाओं को देखने के लिए कोई तंत्र ही नहीं है।
प्रथम चरण की योजना के तहत 10 उपयोगकर्ता एजेंसियों और 21 सेवा प्रदाताओं को नेटग्रिड से जोड़ा जाएगा जबकि बाद के चरणों में करीब 950 संगठनों को इससे जोड़ा जाएगा। बाद के वर्षों में एक हजार से ज्यादा संगठनों को नेटग्रिड से जोड़ा जाएगा ताकि आतंकवाद रुक सके।
Suryoday Bharat Suryoday Bharat