अशाेक यादव, लखनऊ। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप का पता लगाने के लिए एक परीक्षण किट तैयार की है और इसके विकास तथा व्यावसायीकरण के लिए प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की खातिर किट निर्माताओं से अभिरुचि पत्र आमंत्रित किया है।
आईसीएमआर-क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र, डिब्रूगढ़ ने सार्स-सीओवी2 के नए स्वरूप ओमीक्रोन (बी.1.1.529) का पता लगाने के लिए नयी तकनीक की आरटी-पीसीआर जांच किट विकसित की है। यह केंद्र आईसीएमआर, नयी दिल्ली के संस्थानों में से एक है। अभिरूचि पत्र (ईओआई) दस्तावेज में कहा गया है कि आईसीएमआर किसी भी अंतर्निहित बौद्धिक संपदा और व्यावसायीकरण अधिकारों के साथ इस नयी तकनीक का मालिक है।
इसके साथ ही आईसीएमआर कानूनी रूप से उपयुक्त समझौते के जरिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित चयनित निर्माताओं के साथ कोई भी समझौता करने का हकदार है। दस्तावेज में कहा गया है कि ईओआई के बाद, समझौते को विभिन्न निर्माताओं के साथ “गैर-विशिष्ट” आधार पर निष्पादित करने का प्रस्ताव है।