नई दिल्ली: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिर से चुनाव आयोग के घेरे में हैं। आयोग ने यूपी निर्वाचन अधिकारी से मेरठ में योगी के बयान पर रिपोर्ट मांगी है। योगी ने रैली में कहा था सपा, बसपा को अली और उन्हें बजरंगबली पर भरोसा है। योगी ने बसपा नेत्री मायावती पर हमला बोलते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश में विपक्षी गठबंधन दलित मुस्लिम एकता की बात कर रहा है यह संभव नहीं है। उन्होंने कहा यदि कांग्रेस सपा और बसपा को अली पर विश्वास है तो हमें बजरंगबली पर विश्वास है। आयोग को कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने शिकायत की थी कि योगी ने इस बयान से वोटों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश की है। इस पर मुख्य चुनाव आयोग ने यूपी से रिपोर्ट मांगी है।
आयोग के सूत्रों के अनुसार लगातार आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन आयोग के लिए गहरी नाराजगी का सबब बन सकता है क्योंकि इससे पहले एक अप्रैल को गाजियाबाद में मोदी की सेना वाले बयान पर आयोग ने योगी को चेतावनी मिल चुकी है। चुनाव आयोग ने मायावती को आदर्श आचार संहिता उल्लंघन में नोटिस दिया है। उन्होंने रविवार को देवबंद में सपा-बसपा और लोकदल गठबंधन की रैली में मुस्लिम वोटरों से कांग्रेस के बजाए उनके गठबंधन को वोट देने की अपील की थी। आयोग ने मायावती के बयान का संज्ञान लिया था। एमसीसी के मुताबिक किसी भी राजनीतिक दल के नेता को धर्म विशेष और वर्ग को लेकर टिप्पणी करने को आचार संहिता उल्लंघन के दायरे में माना जाएगा।
इस पर यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सहारनपुर जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की थी। इस रिपोर्ट को आयोग को भेजा था इसके आधार पर गुरुवार को आयोग ने बसपा सुप्रीमो मायावती को एमसीसी उल्लंघन का नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा है। उपचुनाव आयुक्त डॉ. संदीप सक्सेना ने कहा इस मामले में आयोग ने जांच की है। इसमें मायावती के भाषण को एमसीसी उल्लंघन के दायरे में पाया गया। लिहाजा उनसे जवाब देने को कहा गया है। मायावती ने खुली अपील जारी करते हुए वोटरों से कहा था कि वह अपना वोट कांग्रेस को देकर जाया न करे।
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