
राहुल यादव, लखनऊ: कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के इस दौर में भी सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है। लाॅक डाउन प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती के साथ ही एक बड़ा अवसर भी है। चुनौती को अवसर में बदलने के लिए अभी से प्रयास किए जाने चाहिए।
इसके लिए अभी से टीम गठित कर कार्यवाही प्रारम्भ की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री आज लाॅक डाउन के दृष्टिगत राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए विचार-विमर्श कर रहे थे।
उन्होंने कहा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए राज्य/राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थितियों का आकलन करने की जरुरत है ।
प्रदेश में उच्च स्तरीय मानव संसाधन व कनेक्टिविटी उपलब्ध है।
राज्य में निवेश आकर्षित करने में इसकी बड़ी भूमिका हो सकती है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को इस वर्ष के अन्त तक तथा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे को अगले वर्ष के अन्त तक संचालित किए जाने की योजना है।
हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों में केवल मेडिकल, सेनिटाइजेशन एवं डोर स्टेप डिलीवरी टीमों को ही आवागमन की अनुमति
मुख्यमंत्री ने राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए विभिन्न देशों के दूतावासों से संवाद स्थापित करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा आर्थिकसलाहकार के0वी0 राजू एवं पूर्व मुख्यसचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय को इस के लिए कार्ययोजना तैयार करें ।
ओलावृष्टि व अतिवृष्टि के बावजूद उपज अच्छी है। अच्छे मानसून की भी सम्भावना है। यह स्थिति प्रदेश के हित में है।
लाॅक डाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं से जुड़ी औद्योगिक इकाइयों को चरणबद्ध तरीके से संचालित किया जा रहा है।
चीनी मिलों को भी बन्द नहीं किया गया है।
लाॅकडाउन का पालन करते हुए इन्टीग्रेटेड काॅम्प्लेक्स में (चहार दीवारी) स्थित औद्योगिक इकाइयों को चलाने की अनुमति दी गयी है।
जिनके टेक्निकल व अन्य कर्मचारियों के रहने-खाने की व्यवस्था इकाई परिसर में ही है.
औद्योगिक इकाइयों की समस्याओं का विभागीय स्तर पर निराकरण कराकर उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा निवेश आकर्षित करने के लिए आवश्यकतानुसार नीतियों का अनुश्रवण कर संशोधन भी किया जाना चाहिए।
बैठक में औद्योगिकविकास आयुक्त आलोक टण्डन, प्रमुख सचिव आलोककुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0गोयल एवं संजयप्रसाद सहित अन्य वरिष्ठअधिकारी उपस्थित थे।
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