
अशाेक यादव, लखनऊ। चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी को लेकर किए गए ट्वीट को अनुचित बताया है। उनका कहना है कि अखिलेश सूबे के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, लेकिन अब वह बयानवीर नेता बन कर गैर-जिम्मेदारी वाले ट्वीट कर रहे हैं।
सपा नेता को जिम्मेदारी भरा व्यवहार करते हुए जनता को भड़काने वाले ट्वीट करने से उन्हें बचना चाहिए। करोना महामारी के समय में जनता को भड़काने की बजाय अखिलेश को पीड़ितों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। यह सलाह भी प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा सपा मुखिया अखिलेश को दी है।
अखिलेश ने मंगलवार को एक ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाया था। उनके इस आरोप के जवाब में सुरेश खन्ना ने बेहद संयमित तरीके से अखिलेश को उनकी जिम्मेदारियों का अहसास कराते हुए कहा है कि लोकतंत्र में विपक्ष के नेता का काम सिर्फ सरकार की आलोचना करने का ही नहीं होता है।
महामारी के समय सरकार के साथ सहयोग करते हुए विपक्ष को जनता की मदद करनी चाहिए। हाथ पर हाथ रखे हुए घर में बैठ कर सिर्फ बयान जारी करने के बचना चाहिए। अगर सपा नेताओं को कोरोना पीड़ितों की इतनी चिंता है तो आगे आएं और सरकार के प्रयासों में हाथ बटाएं।
गरीब से गरीब व्यक्ति के इलाज को लेकर सरकार निजी अस्पतालों को इलाज का सारा पैसा देने का ऐलान कर चुकी है। सरकार कोरोना संक्रमित हर व्यक्ति के बेहतर इलाज को लेकर अस्पतालों में बेड़ से लेकर अन्य सुविधाओं का इजाफा कर रही है।
पूरे पांच साल सत्ता में रहने के बाद भी उनको प्रदेश के हर सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर लगवाने की सुध नहीं आई थी। प्रदेश सरकार वर्ष 2017 में जब सत्ता पर काबिज हुई थी तो सूबे के 36 जिलों के सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर नहीं था, आज राज्य के हर जिला अस्पताल में दस से अधिक वेंटिलेटर हैं।
Suryoday Bharat Suryoday Bharat