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सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है चुनाव आयोग की समस्या, जो वाकई एक दंतहीन बाघ है : वरुण गांधी

हैदराबाद: भाजपा सांसद वरुण गांधी ने चुनाव आयोग को ‘‘दंतहीन बाघ’’ करार देते हुए कहा कि निर्धारित समय के भीतर चुनाव खर्च का ब्यौरा नहीं सौंपने पर आयोग ने अब तक किसी भी राजनीतिक पार्टी को अमान्य घोषित नहीं किया। वरुण ने यह भी कहा कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार पर काफी रुपए खर्च करती हैं जिसकी वजह से साधारण पृष्ठभूमि के लोगों को चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिल पाता।

उन्होंने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब विपक्ष सत्ताधारी भाजपा पर आरोप लगा रहा है कि उसकी ओर से ‘‘दबाव’’ डाले जाने के कारण आयोग ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम घोषित नहीं किए। कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह चुनाव आयोग पर ‘‘बेशर्म दबाव के तौर-तरीके’’ इस्तेमाल कर रही है ताकि वह अंतिम समय में लोक-लुभावन वादे कर गुजरात में वोटरों को आकर्षित कर सके।

नलसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ में ‘‘भारत में राजनीतिक सुधार’’ विषय पर एक व्याख्यान को संबोधित करते हुए वरुण ने कहा, ‘‘सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है चुनाव आयोग की समस्या, जो वाकई एक दंतहीन बाघ है। संविधान का अनुच्छेद 324 कहता है कि यह (चुनाव आयोग) चुनावों का नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण करता है। लेकिन क्या वाकई ऐसा होता है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव खत्म हो जाने के बाद उसके पास मुकदमे दायर करने का अधिकार नहीं है। ऐसा करने के लिए उसे उच्चतम न्यायालय जाना पड़ता है।’’

उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर लोकसभा सीट से भाजपा सांसद ने कहा कि समय पर चुनावी खर्च दाखिल नहीं करने को लेकर आयोग ने कभी किसी राजनीतिक पार्टी को अमान्य घोषित नहीं किया। वरुण ने कहा, ‘‘यूं तो सारी पार्टियां देर से रिटर्न दाखिल करती हैं, लेकिन समय पर रिटर्न दाखिल नहीं करने को लेकर सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी (एनपीपी), जो दिवंगत पी ए संगमा की थी, को अमान्य घोषित किया गया और आयोग ने उसकी ओर से खर्च रिपोर्ट दाखिल करने के बाद उसी दिन अपने फैसले को वापस ले लिया।’’

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