नई दिल्ली। देश में इस समय “बाबाओं “के गृह नक्षत्र ठीक नहीं चल रहे हैं तभी तो गुरमीत सिंह राम रहीम के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने जोधपुर जेल में बंद बाबा आशाराम को जमानत देने से इंकार कर दिया। दरअसल आशाराम ने कोर्ट से अपने केस में बहुत धीमी गति से सुनवाई होने का आरोप लगाया था। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने गांधीनगर कोर्ट से पूरी स्टेटस रिपोर्ट मंगवाई और रिपोर्ट पढ़ने के बाद कोर्ट ने अभी जमानत देने से साफ इंकार कर दिया। मामले की अगली सुनवाई दीवाली के बाद होगी।
SC ने ट्रायल कोर्ट से कहा था- तय समय में ट्रायल पूरा करें
पिछले 12 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने कोई राहत देने से इनकार कर दिया था। आसाराम के खिलाफ गुजरात में ट्रायल कोर्ट की धीमी रफ्तार पर सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया था कि वो तय समय सीमा में ट्रायल पूरा करें। आसाराम की ओर से कहा गया था कि अब तक 93 गवाहों में से अब तक मात्र 30 गवाहों के बयान दर्ज किए जा सके हैं।
यूपी और हरियाणा सरकार को भी निर्देश दिया था
आपको बता दें कि गवाहों की सुरक्षा के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी और हरियाणा सरकार को निर्देश दिया था कि वो आसाराम के केस के गवाहों को पूरी सुरक्षा प्रदान करें।
याचिका में सीबीआई जांच की मांग
याचिका में कहा गया है कि 10 चश्मदीद गवाहों में से 7 पर हमले हुए हैं और 3 गवाहों की मौत हो चुकी है। इसलिए पूरे मामले की सीबीआई से जांच करवाई जाए। आसाराम के छिंदवाड़ा और मटेरा आश्रम में बच्चों की मौत मामले की भी सीबीआई जांच की मांग की गई है।
2013 यौन उत्पीड़न केस
यौन उत्पीड़न के आरोप में आसाराम को 2013 में गिरफ्तार किया गया था। 20 अगस्त 2013 को उनके खिलाफ जोधपुर आश्रम में यौन शोषण का मामला दर्ज कराया गया था। इसके अलावा सूरत की दो बहनों ने भी 2001 में आश्रम में दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था।