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सेबी ने ऐसा नियम बनाया जिससे मुकेश अंबानी, सुनील भारती मित्‍तल जैसे बड़े उद्योगपतियों की नौकरी पर ‘संकट’

लखनऊ-नई दिल्‍ली : मुकेश अंबानी, सुनील भारती मित्‍तल जैसे बड़े उद्योगपतियों की नौकरी पर ‘संकट’ आ गया है. बाजार नियामक सेबी ने ऐसा नियम बनाया है जिस कारण इन उद्योगपतियों को अपनी नौकरी छोड़नी पड़ सकती है. 31 मार्च 2019 तक ही वे सीएमडी पद पर रह पाएंगे. यह खतरा सीएमडी पद पर काबिज सभी कार्यकारियों की कुर्सी पर मंडरा रहा है. सेबी के निर्देश के मुताबिक रिलायंस इंडस्‍ट्रीज, इंफोसिस, टीसीएस और भारतीय एयरटेल को कंपनी बोर्ड में गैर कार्यकारी चेयरपर्सन बिठाना होगा. इसके लिए कंपनियों को चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्‍टर का पद अलग करना होगा. यह नियम एक अप्रैल, 2020 से प्रभावी है. 

500 कंपनियों को करनी होगी शुरुआत
हमारी सहयोगी वेबसाइट डीएनए की रपट के मुताबिक सेबी के नए नियम के तहत टॉप 500 कंपनियों को इस निर्देश का पूरी तरह पालन करना है. सेबी अंतत: सभी सूचीबद्ध कंपनियों के लिए इसे अनिवार्य करेगा. एक अधिकारी ने बताया कि अभी शीर्ष 500 कंपनियों पर निगाह रखी जा रही है. इनमें जो कंपनियां निर्धारित समयसीमा से आगे सीएमडी की नियुक्ति करेंगी उन्हें कुछ महीने पहले ही नोटिस भेजना शुरू कर दिया जाएगा.छोटी कंपनियों पर भी लागू होगा नियम
सेबी अभी शीर्ष 500 कंपनियों पर निगाह रख रहा है. इसके बाद इसे छोटी कंपनियों में भी लागू करेगा. जो छोटी कंपनियां अपने चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) को निर्धारित समयसीमा से आगे का कार्यकाल दे रही हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. इस समय कंपनियों की सालाना आमसभा का दौर चल रहा है. कई कंपनियों ने अपने सीएमडी का कार्यकाल बढ़ाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगी है. इनमें से कुछ द्वारा मांगी गई मंजूरी सेबी के निर्देश से मेल नहीं खाती. सेबी के दिशा-निर्देशों के अनुसार शीर्ष 500 सूचीबद्ध कंपनियों को अप्रैल, 2020 से गैर कार्यकारी चेयरमैन और सीईओ तथा प्रबंध निदेशक पदों पर अलग-अलग व्यक्तियों की नियुक्ति करनी होगी.कुछ कंपनियां उल्‍लंघन के दायरे में
अधिकारियों ने बताया कि चूक करने वाली कंपनियों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना होगा. इनमें संबंधित चेयरमैन या प्रबंध निदेशक पर बोर्ड में किसी पद पर रहने की रोक भी लगाई जा सकती है. जिन कंपनियों ने अपने सीएमडी का कार्यकाल सेबी की तय सीमा से आगे रखने का प्रस्ताव किया है उनमें पीटीसी इंडिया, पीवीआर लि., जेबीएम आटो, गुजरात अंबुजा एक्सपोर्ट और दीपक फर्टिलाइजर्स शामिल हैं. यह पता नहीं लग सका है कि इनमें से कितनी कंपनियां शीर्ष 500 क्लब में आती हैं.

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