नई दिल्ली / माले : मालदीव में राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने इमरजेंसी का एलान कर दिया है. राष्ट्रपति के एलान के तुरंत बाद पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम को गिरफ़्तार कर लिया गया. वो मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को पद से हटाए जाने के लिए अभियान चला रहे थे.
देश के चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद और सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य न्यायाधीश को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. सुरक्षा बलों के माले स्थित शीर्ष अदालत परिसर पहुंचने के बाद पुलिस ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि न्यायमूर्ति अब्दुल्ला सईद और न्यायमूर्ति अली हमीद के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं.
इमरजेंसी घोषित होने के बाद भारत सरकार ने अपने नागरिकों को मालदीव की गैर-जरूरी यात्रा नहीं करने की सलाह देते हुए सर्कुलर जारी किया है. इसके अलावा मालदीव में रह रहे भारतीयों को भी तनावपूर्ण स्थिती को देखते हुए सतर्क रहने की सलाह दी गई है. सरकार ने मालदीव में रह रहे भारतीय नागरिकों को बाज़ार और सार्वजनिक जगहों पर सतर्क रहने को कहा है.
मौमून अब्दुल गयूम को उनके अलग हो चुके सौतेले भाई और राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन द्वारा देश में आपातकाल लगाए जाने के कुछ देर बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया. पूर्व राष्ट्रपति की बेटी युम्ना मौमून ने ट्विटर पर बताया कि 80 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति को राजधानी माले स्थित उनके घर से ले जाया गया.
मौमून अब्दुल गयूम 2008 में देश का पहला लोकतांत्रिक चुनाव होने से पहले 30 वर्ष तक देश के राष्ट्रपति रहे. मौमून अब्दुल विपक्ष के साथ थे और अपने सौतेले भाई को पद से हटाए जाने को लेकर अभियान चला रहे थे.
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