किसान सरदार बारेला का कहना है कि सरकार से उसे कोई मदद नहीं मिली, जिसके चलते मेरी दोनों बेटियों ने पैसों की तंगी और खेती किसानी में मेरी मदद के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ दी। हल चलाने वाली किसान की बड़ी बेटी राधिका 14 साल की है और छोटी कुंती 11 साल की।
मामले में कांग्रेस के केके मिश्रा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “यह मुख्यमंत्री के लिए एक बहुत ही शर्मनाक घटना है।” मिश्रा ने आगे कहा कि यह घटना सीएम के लिए सबक है कि राज्य को कैसे काम करना चाहिए। यह इलाका मंदसौर से 300 किलोमीटर दूर है। बता दें कि पिछले दिनों लोनमाफी और फसलों का सही दाम मिलने को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे उग्र किसानों पर पुलिस के बीच हुई झड़प में 6 किसान मारे गए थे।
घटना के मामले में सत्तारूढ़ भाजपा के लोकसभा सदस्य आलोक संजर ने कहा कि सरकार किसान को सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने की कोशिश करेगी। उन्होंने आगे कहा कि संबंधित अधिकारियों को तुरंत इस पर कार्य करना चाहिए और उनकी मदद करना चाहिए। सीएम के लिए किसान समस्याओं का मुद्दा सबसे पहले हैं। आपको बता दें कि सिहोर का राज्य की औसत गरीबी रेखा के नीचे के लोगों का उच्च अनुपात है।