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मध्यप्रदेश: बैल की जगह बेटियां खींच रही हैं हल

मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में किसान गरीबी के चलते अपनी बेटियों से ही बैल का काम ले रहा है। वह खेत जोतने के लिए अपनी बेटियों से हल चलवा रहा है। खबर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर की है। इस खबर ने राज्य में हलचल मचा दी है जिससे सीएम शिवराज सिंह की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। किसान ने मजबूरी के चलते बेटियों से बैल की जगह हल चलवा रहा है। कहा जा रहा है कि सीएम एक ओर तो ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की बात करते हैं दूसरी तरफ उन्हीं के गृह जिले से बेटियों की हालत की ऐसी तस्वीर सामने आती है। घटना सीहोर जिले के बसंतपुर पांगरी गांव की है। मामले में किसान का कहना है कि उसके पास बैल खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। इसी मजबूरी की वजह से वह अपनी बेटियों हल चलवाता है। 
किसान सरदार बारेला का कहना है कि सरकार से उसे कोई मदद नहीं मिली, जिसके चलते मेरी दोनों बेटियों ने पैसों की तंगी और खेती किसानी में मेरी मदद के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ दी। हल चलाने वाली किसान की बड़ी बेटी राधिका 14 साल की है और छोटी कुंती 11 साल की।
किसान ने प्रशासन पर आरोप लगाया है उसे सरकारी योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिलता है। मामले में एसडीएम ने कहा कि किसान ने वनभूमि पर अतिक्रमण किया हुआ है। वह उस जमीन पर पिछले आठ सालों से खेती कर रहा है। हालांकि किसान ने एसडीएम की इस आरोप को नकारते हुए कहा कि जिस जमीन पर वह खेती कर रहा है वह उसकी हर साल रसीद कटाता है। उसका कहना है कि वह इस जमीन पर पिछले 20 साल से खेती कर रहा है।

मामले में कांग्रेस के केके मिश्रा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “यह मुख्यमंत्री के लिए एक बहुत ही शर्मनाक घटना है।” मिश्रा ने आगे कहा कि यह घटना सीएम के लिए सबक है कि राज्य को कैसे काम करना चाहिए। यह इलाका मंदसौर से 300 किलोमीटर दूर है।  बता दें कि पिछले दिनों लोनमाफी और फसलों का सही दाम मिलने को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे उग्र किसानों पर पुलिस के बीच हुई झड़प में 6 किसान मारे गए थे।

घटना के मामले में सत्तारूढ़ भाजपा के लोकसभा सदस्य आलोक संजर ने कहा कि सरकार किसान को सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने की कोशिश करेगी। उन्होंने आगे कहा कि संबंधित अधिकारियों को तुरंत इस पर कार्य करना चाहिए और उनकी मदद करना चाहिए। सीएम के लिए किसान समस्याओं का मुद्दा सबसे पहले हैं। आपको बता दें कि सिहोर का राज्य की औसत गरीबी रेखा के नीचे के लोगों का उच्च अनुपात है।

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