लखनऊ। राजधानी में लगातार डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या से भले ही स्वास्थ्य विभाग गंभीर हो, लेकिन उनके लिए दवाएं भी बेअसर साबित हो रही हैं। कुछ ऐसा ही मामला बलरामपुर अस्पताल में देखने को मिला। जहां एक भर्ती डेंगू का संदिग्ध मरीज असहनीय दर्द की वजह के चलते वार्ड से निकलकर सड़क पर आकर छटपटाता रहा। वहीं उसके तेज आवाज से वहां लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। हरदोई के पवांया निवासी सुधीर मिश्रा (30) को तेज बुखार होने पर उनके परिजनों ने बुधवार को बलरामपुर अस्पताल के वार्ड नम्बर-2 के बेड नंबर-9 पर भर्ती कराया। यहां डॉक्टरों ने उसे कार्ड टेस्ट कराया, जिसमें डेंगू की पुष्टि हुई। अभी मरीज का एलाइजा टेस्ट हुआ है, लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं मिली है। गुरूवार दोपहर में वह वार्ड के बाहर आ गया और तेज आवाज में दर्द से छटपटाने लगा। उसकी आवाज को सुनकर और भी लोग वहां इकट्ठा हो गए। हालांकि भीड़ जुटते ही अस्पताल के स्टाफ ने उसे वार्ड के अंदर कर दिया। 
 मरीज सुधीर की पत्नी प्राजंलि ने बताया कि उसके पति को करीब एक माह से बुखार आ रहा है। जब उसकी हालत पहले से और गंभीर हो गई तो बुधवार को बलरामपुर अस्पताल में उसे भर्ती कराया। प्राजंलि ने बताया कि यहां एक टेस्ट में डेंगू की बात कही गई है। दूसरा टेस्ट भी हुआ है, लेकिन अभी उसकी रिपोर्ट नहीं मिली है। प्राजंलि के मुताबिक, जब से यहां आए हैं तबसे पति को करीब 10 इंजेक्शन लगे हैं। कुछ दवाएं भी दी गई हैं, लेकिन उससे कोई राहत नहीं मिली है। बलरामपुर अस्पताल के पूर्व के आंकड़ों में बताया जाता है कि यहां 100 मरीजों में करीब 90 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो जाती है। इस बारे में बलरामपुर अस्पताल के ईएमओ डॉ. सौरभ सिंह का कहना है कि डेंगू जैसे मामले में मरीज के साथ किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। वहीं उन्होंने बताया कि जब मरीज को असहनीय दर्द हो रहा हो तो ऐसे हालातों में उसे 8-8 घंटे के अंतराल पर 100 एमएल का पैरॉसिटामाल (पीसीएम) आईबी की बॉटल बीगो से चढ़ाते रहें। मरीज को लगातार पानी पिलाते रहें। ईएमओ ने कहा कि इस स्थिति में मरीज को लिक्विड वाली चींजें दें। संभव हो तो उसे नारियल पानी भी पिलाएं।
बलरामपुर अस्पताल के सामने दर्द से तड़पता रहा डेंगू का मरीज
        Loading...
    
        
Suryoday Bharat Suryoday Bharat