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बच्चों की मौत पर गलत बयानबाजी कर रही है यूपी सरकार : आजाद

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में 63 से अधिक मासूम बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं होने के प्रदेश सरकार के दावे को कांग्रेस ने सरासर गलत करार दिया है। राज्यसभा में नेता विपक्ष पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि लिक्विड ऑक्सीजन गैस सप्लाई का शासन ने भुगतान नहीं किया जिसकी वजह से यह नौबत आयी।

पार्टी ने मासूमों को मौत को सबसे बड़ा अपराध करार देते हुए गलतबयानी कर रहे प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है। साथ ही बच्चों की मौत की दिल दहला देने वाली इस घटना की सुप्रीम कोर्ट के सीटिंग जज या सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल से तत्काल जांच कराने की मांग भी की है।

ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत की बढ़ती चिंताजनक संख्या के मद्देनजर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार सुबह आजाद की अगुआई में पार्टी नेताओं का एक दल गोरखपुर भेजा था। मौका मुआयना कर लौटे आजाद ने दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सिद्धार्थ नाथ के दावों को खारिज करते हुए कहा कि सौ फीसदी सच यही है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं होने की वजह से हुई है। आजाद ने कहा कि मेडिकल कालेज में सुबह अपने दौरे के दौरान उन्होंने डाक्टरों, नर्स, कर्मचारी, चपरासी से लेकर कई पीडि़त परिजनों से चर्चा की जिसमें साफ था कि लिक्विड ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से बच्चों की सांस रुक गई। ऑक्सीजन सिलेंडर से इसकी भरपाई नहीं हो सकी।

आजाद ने गोरखपुर से प्रकाशित हिन्दी अखबारों की पिछले 15 दिनों की खबरों का उल्लेख करते हुए कहा कि ऑक्सीजन की कमी को उठाते हुए अखबारों ने बड़े हादसे की चेतावनी दी थी। मगर प्रशासन और राज्य सरकार ने इसकी अनदेखी की जिसकी कीमत मासूमों को अपनी जिंदगी गंवा कर चुकानी पड़ी है।

आजाद ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल या कुछ अधिकारी को निलंबित करने से बात नहीं बनेगी। इसमें कोई शक नहीं कि यह राज्य सरकार की घोर लापरवाही का नतीजा है। खास बात यह कि खुद सीएम योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र में यह वाकया हुआ और वे दो दिन पहले मेडिकल कालेज आए भी थे। ऐसे में जिला स्तर की जांच कराने का आदेश मासूमों की दर्दनाक मौत के गुनाह पर लीपापोती होगी।

आजाद ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो और दोषियों पर कार्रवाई हो इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के सीटिंग जज से जांच करायी जानी चाहिए ताकि 15 दिनों में सच सामने आ सके। उन्होंने कहा कि अगर न्यायिक जांच नहीं कराई जाती तो फिर सभी राजनीतिक दलों के संयुक्त संसदीय दल से मासूमों की मौत की जांच हो। आजाद के साथ राजबब्बर, डा संजय सिंह, प्रमोद तिवारी और आरपीएन सिंह आदि भी गोरखपुर गए थे।

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