पेरिस: फ्रांस में ‘यैलो-वेस्ट’ प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ इस्तेमाल की गई दंगा रोधी बंदूक के इस्तेमाल से बहुत से लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस कारण इस बंदूक पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग जोर पकड़ रही है। एल.बी.डी. 40 कंधे पर रखकर चलाया जा सकने वाला ग्रेनेड लांचर जिसे गैर-जानलेवा हथियार बताया जाता है। प्रदर्शकारियों ने इस ‘फ्लैश-बाल्स’ का नाम दिया है। कई प्रदर्शनकारी आंशिक तौर पर हुए अंधे पुलिस का कहना है कि इस हथियार का इस्तेमाल तभी किया जाता है जब और कोई विकल्प न हो। पुलिस के मुताबिक 10 मीटर से ज्यादा दूरी से कमर से ऊपर के हिस्से को ही निशाना बनाया जाता है। इस हथियार के कारण 15 प्रदर्शनकारी आंशिक तौर पर अंधे हो गए।
इसके अलावा कइयों के चेेहरे और खोपड़ी पर फ्रैक्चर हुआ। असला 40 एम.एम. की रबड़ या फोम से बनी गोली 100 मीटर प्रति सैकेंड की गति से प्रहार करती है। इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह त्वचा को न भेदे। फ्रांस में पैट्रोल-डीजल पर टैक्स की वृद्धि के खिलाफ ‘यैलो वेस्ट’ प्रदर्शन शुरू हुआ, हालांकि अब यह प्रदर्शन राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और उनकी नीतियों के खिलाफ परिवर्तित हो गया। सोशल मीडिया पर ‘यैलो वेस्ट’ आंदोलन ने हर उम्र व पृष्ठभूमि के लोगों को आकघ्षत किया है। प्रदर्शनकारियों द्वारा आपातकाल में पहनी जाने वाली पीली जैकेट पहनने के कारण इस आंदोलन का नाम यैलो वेस्ट पड़ा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मैक्रों की आघ्थक नीतियां अमीरों के हित में हैं।
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