लखनऊ-नई दिल्ली : जिन 12 कंपनियों का बैंकों पर सबसे ज़्यादा बकाया है, उनसे वसूली की तैयारी हो रही है. आज इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में एक अहम बैठक हुई. बैठक में आने वाले दिनों की कार्रवाई पर विचार किया गया. बैठक में हुई चर्चा के मुताबिक इन कंपनियों के खिलाफ एक महीने के अंदर मामला दर्ज होगा. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल ये देखेगा कि इन कंपनियों से पैसा वसूली का कोई रास्ता निकल सकता है या इन्हें बेच कर ही वसूली की जा सकती है.
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नीति आयोग का मानना है कि इन कंपनियों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई जरूरी है. बैंकों को दोषी कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी जिससे बैकों से कर्ज लेकर न चुकाने वालों के अंदर डर पैदा हो. गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से बैंकों के एनपीए यानी डूबे हुए पैसे को लेकर देश भर में बहस चल रही है. बैंकों के कुल 8 लाख करोड़ रुपये कंपनियों के पास फंसे हुए हैं. ये पैसा रखने वाली 500 कंपनियों की पहचान हो चुकी है. इनमें से 12 कंपनियों के पास करीब दो लाख करोड़ हैं.
बरसों से ऐसी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठती रही है अब आरबीआई की इस पहल के बाद बैंकों को और सरकार को भी इस मसले से सख्ती से निपटने का एक मौका मिला है. देखने वाली बात यह होगी कि इस ये कार्रवाई कितने आगे तक जाती है.
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