नयी दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ भाजपा पर नोटबंदी और जीएसटी को लागू करने को लेकर तीखा हमला बोलते कहा कि इनके जरिये देश की अर्थव्यवस्था पर दो प्रहार किये गये हैं। पार्टी ने नोटबंदी की घोषणा का एक साल पूरा होने पर आगामी आठ नवंबर को ‘‘भुगत रहा है देश’’ शीर्षक के तहत अन्य विपक्षी दलों के साथ देश भर में विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय किया है। राहुल ने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिवों एवं विभिन्न राज्यों के प्रभारी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम के साथ नोटबंदी और जीएसटी से देश के विभिन्न वर्गों को हो रही कठिनाइयों पर अलग-अलग बैठक कर चर्चा की। इस दौरान राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश भी मौजूद थे।
बैठक के बाद राहुल ने संवाददाताओं से कहा कि इन दोनों मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी देश का मन नहीं समझ पा रहे हैं। उन्होंने इस बात पर हैरत जतायी कि सरकार आठ नवंबर को नोटबंदी का एक वर्ष पूरा होने पर जश्न क्यों मना रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं समझ आ रहा कि जश्न मनाने जैसी क्या बात है?’’ राहुल ने इन बैठकों के बाद पत्रकारों से कहा कि नोटबंदी के कारण लोग बुरी तरह परेशान हुए हैं। इस मामले में प्रधानमंत्री देश का मन नहीं समझ पाए। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था नोटबंदी के प्रहार को तो झेल गयी किंतु वह जीएसटी को नहीं बर्दाश्त कर पायी।इन दोनों बैठकों के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने संवाददाताओं को बताया कि राहुल ने इन बैठकों में कहा कि इन कदमों के कारण ‘‘अर्थव्यवस्था जीर्णशीर्ण हो गयी है।’’
राहुल ने कहा कि जीएसटी एक अच्छा विचार था लेकिन इसे ठीक ढंग से लागू नहीं किया गया। इस कारण लोगों को खासी परेशानियां हो रही हैं। सुरजेवाला ने बताया कि पहली बैठक में राहुल ने पार्टी महासचिवों एवं विभिन्न राज्यों के प्रभारियों के साथ नोटबंदी के बारे में चर्चा की। दूसरी बैठक में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के साथ जीएसटी के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी उस टिप्पणी को दोहराया कि नोटबंदी ‘‘संगठित लूटपाट एवं कानूनी डाका’’ है। उन्होंने जीएसटी को गलत ढंग से लागू करने के कारण अर्थव्यवस्था विशेषकर लघु एवं मझोले उद्योगों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों की चर्चा की।सुरजेवाला के अनुसार बैठक में कहा गया कि नोटबंदी सदी का सबसे बड़ा घोटाला है तथा इसके कारण लोगों का रोजगार, व्यापार या व्यवसाय छिना है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष आठ नवंबर को जब प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की घोषणा की थी तो उस समय उन्होंने कहा कि यदि उनका यह फैसला कामयाब नहीं हुआ तो वह जनता की सजा को स्वीकार करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को अब जनता की कचहरी में आकर जवाब देना चाहिए क्योंकि नोटबंदी के तीनों लक्ष्य..काले धन की वापसी, जाली मुद्रा की समाप्ति और नक्सलवाद एवं उग्रवाद में कमी..हासिल नहीं किये जा सके हैं। एआईसीसी में झारखंड के प्रभारी एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री आर पी एन सिंह ने बताया कि कांग्रेस आगामी आठ नवंबर को नोटबंदी एवं जीएसटी लागू करने के तरीके के विरोध में देश के विभिन्न प्रदेश, जिला एवं ब्लाक मुख्यालयों में प्रदर्शन करेगी। सिंह ने बताया कि उसी दिन पार्टी रात में कैंडिल मार्च निकालेगी। यह कैंडल मार्च उन लोगों की याद में निकाला जायेगा जिन्होंने नोटबंदी के दौरान बैंक एटीएम के समक्ष पंक्तियों में खड़े होने के दौरान अपनी जान गंवायी या इसके कारण अपनी नौकरी-रोजगार गंवाया।
पार्टी की बैठक में भाग लेने वाले पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने बताया कि वह जीएसटी की आगामी बैठक में जीएसटी दरों की विभिन्न स्लेब के कारण लोगों को होने वाली परेशानी का मुद्दा उठायेंगे। राज्यसभा मे विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने गत सप्ताह विपक्ष के नेताओं के साथ एक बैठक की थी। इसमें यह तय किया गया था कि कांग्रेस सहित18 विपक्षी दल आगामी आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा होने के एक वर्ष पूरा होने पर ‘‘काला दिवस’’ मनायेंगे।