
नई दिल्ली। देश में सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों के लिए सड़क संपर्क पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत रेखांकित करते हुए संसद की एक स्थायी समिति ने सिफारिश की है कि लोकप्रिय पर्यटन स्थलों से संपर्क बढ़ाने के वास्ते सड़कों के किनारे की सुविधाओं के साथ पक्की सड़कों को विकसित करने के लिए नीति तैयार की जाए।
विभाग संबंधित परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने ”पर्यटन मंत्रालय की अनुदान मांगों (2021-22)” के संबंध में अपने 288वें प्रतिवेदन में की गई सिफारिशों पर सरकार की ओर से की गई कार्रवाई पर अपना 298वां प्रतिवेदन संसद के दोनों सदनों के पटल पर रखा।
प्रतिवेदन में समिति ने कहा है ”किसी भी पर्यटन स्थल के लिए उचित सड़क संपर्क उस विशेष स्थल की पर्यटन क्षमता निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाता है। भारत में अधिकतर पर्यटन स्थलों, खास कर जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर पूर्वी राज्यों के पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित पर्यटक स्थलों के लिए उचित रेल या हवाई संपर्क नहीं है। इसलिए सड़क के माध्यम से संपर्क ही ऐसे पर्यटन स्थलों से जुड़ने का एकमात्र साधन है।”
समिति ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए सिफारिश की है कि सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों के लिए सड़क संपर्क पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। प्रतिवेदन में कहा गया है ”मंत्रालय को पसंदीदा पर्यटन स्थलों से संपर्क बढ़ाने के लिए सड़क के किनारे की सुवधाओं के साथ साथ पक्की सड़कें विकसित करने के लिए नीति बनानी चाहिए।”
समिति ने कहा है कि पर्यटन मंत्रालय सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ पर्यटकों की सुरक्षा और संरक्षा का मामला उठाए ताकि विभिन्न संबंधित पक्षों को पर्यटकों और स्थानीय समुदायों, दोनों की गरिमा, सुरक्षा और शोषण से मुक्ति जैसे बुनियादी अधिकारों से समझौता किए बिना पर्यटन गतिविधियां शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। समिति ने कहा है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय को पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे और कुशल कार्यबल के विकास पर ध्यान देना चाहिए।
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