लखनऊ /नई दिल्ली : ट्रेनों में खाने की क्वालिटी को लेकर लगातार बढ़ती शिकायतों पर रेलवे की तरफ से बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है. खाने की क्वालिटी में सुधार करने के लिए IRCTCने यात्रियों को दिए जाने वाले खाने की क्वांटिटी (मात्रा) कम करने का प्रस्ताव रखा है. रेलवे अधिकारियों के अनुसार आईआरसीटीसी अब ट्रेन में मिलने वाले खाने की मात्रा के बजाय क्वालिटी पर ज्यादा ध्यान देगा. अब ट्रेन में यात्रियों को कॉम्बो मील मुहैया कराने की प्लानिंग चल रही है.
एक खबर के अनुसार उदाहरण के तौर पर खाने के साथ मिलने वाली दाल की मात्रा घटाकर 100-120 ग्राम करने का प्रस्ताव है. अभी यात्रियों को 150 ग्राम दाल दी जाती है. इसके अलावा नॉन वेज खाने वालों को चिकन पीस के बजाय बोनलैस चिकन ग्रेवी दी जा सकती है. आईआरसीटीसी की तरफ से अभी यात्रियों को 900 ग्राम मील दिया जाता है, जिसे घटाकर 700 ग्राम करने की तैयारी है.
यह निर्णय इस बात को ध्यान में रखकर लिया जा रहा है कि आमतौर पर भारतीय की एक बार में खुराक 750 ग्राम तक होती है. खाने की क्वांटिटी में बदलाव को लेकर प्रस्ताव आईआरसीटीसी की तरफ से तैयार कर लिया गया और इसे रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया है. इस बदलाव के पीछे आईआरसीटीसी का तर्क है कि कच्चे सामान की कीमतें बढ़ने के कारण कम कीमत पर यात्रियों को बेहतर क्वालिटी का खाना मुहैया करान बड़ी चुनौती है.
इसके अलावा आईआरसीटीसी की तरफ से ट्रेन में मिलने वाले सूप और ब्रेडस्टिक पर भी रोक लगाई जा सकती है. आने वाले समय में आईआरसीटीसी का प्लान है कि छोटी दूरी की ट्रेनों जैसे शताब्दी में हवाई जहाज की तरह यात्रियों को कॉम्बो मील उपलब्ध कराए जाएं. इसके अलावा विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर आईआरसीटीसी ने राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनों में बायो-डिग्रेडेबल कंटेनर में खाना देना शुरू कर किया है.
इससे पहले रेलवे ने यात्रियों की खान-पान संबंधी सुविधाओं का ख्याल रखने के लिए भी कदम उठाया है. इसके जरिए सफर कर रहे यात्रियों को क्षेत्रीय या स्थानीय खाने का विकल्प मुहैया कराया जा सकेगा. रेलवे की तरफ से बताया गया कि आईआरसीटीसी ने डिलिवरी सेवा देने वाले ‘त्रापिगो’ और ‘श्री महालक्ष्मी स्वयं सहायता बचत घाट (रत्नागिरी)’ के साथ साझेदारी की है.
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