ब्रेकिंग:

कॉल गर्ल पर भी जीएसटी!

नई दिल्ली : जीएसटी और नोटबंदी ने काले धन के कुबेरों पर तो शिकंजा कसा ही वहीं अय्याशी करने और कराने वालों के भी बुरे दिन आ गए थे। जिन लोगों को अधिक नुकसान हुआ उनमें से एक वो थे जोकि कॉल गर्ल सप्लाई का रैकेट चलाते थे। नोटबंदी की मार से अभी ये लोग ठीक तरह से उभरे नहीं थे कि जीएसटी ने इन पर एक और ठोस प्रहार कर दिया। फिर भी जुगाड़ के लिए मशहूर इंडिया में इस समस्या से निकलने का भी जुगाड़ ढूंढ लिया गया है। जुगाड़ ये है कि कॉल गर्ल सप्लाई करने वाले ब्रॉकरों यानि दलालों ने पीआर कंपनियों की आड़ में अपना धंधा चलाना शुरू कर दिया है।

ऐसे ही धंधे से जुड़े ब्रोकर सन्नी का कहना है कि नोटबंदी के बाद उनका धंधा चौपट हो रहा था। पुरानी करंसी बंद होने से 31 दिसंबर तक काफी नुकसान हुआ। जीएसटी आने के बाद तो धंधा बंद होने की कगार पर पहुंच गया क्योंकि ग्राहक अय्याशी की पेमेंट भी चेक के माध्यम से करना चाहते थे। इसलिए हमने अपने सीए से सिटिंग की तो ये हल निकल कर आया। इसी तरकीब को अपनाने से अब धंधा ठीक चल रहा है।

ऐसे काम करती हैं फर्जी पीआर कंपनियां
बड़ी बड़ी कंपनियों के मालिकों, बिजनेसमैनों, मैनेजरों को अय्याशी करवानेवाली एस्काट्र्स कंपनियों का काम अब पीआर कंपनियों ने संभाल लिया है। ये कंपनियां अमीर लोगों को अय्याशी करवाने के लिए इवेंट ऑर्गनाइज का ड्रामा रचती हैं। इवेंट ऑर्गनाइज का बिल इन लोगों को दिया जाता है। इवेंट की आड़ में ये लोग कॉल गर्ल के साथ रात बिताते हैं।

पीआर कंपनियों के इवेंट का बिल ग्राहक को दिया जाता है। ये बिल होटल, बैंक्वेट हॉल के किराये का होता है और उस पर 18 प्रतिशत जीएसटी भी लगा होता है। बिल पर इवेंट के खर्च का अन्य ब्यौरा भी लिखा होता है। जीएसटी लगे बिल को पाकर अय्याश लोग अपनी कंपनियों में जमा करके क्रेडिट इनपुट का लाभ लेते हैं। इसका सीधा मतलब है कि उनकी अय्याशी भी कागजों में पीआर इवेंट का रूप ले चुकी है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरू जैसे बड़े शहरों में ये धंधा जोरों से चल रहा है।

Loading...

Check Also

महाकुंभ में रेल यात्री श्रद्धालुओं के लिए प्रयाग, वाराणसी एवं अयोध्या परिक्षेत्र के स्टेशनों पर व्यवस्थायें सुदृढ़

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ / प्रयाग / फाफामऊ : महाकुंभ-25 के सफल एवं सुगम …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com