
बताया जा रहा है कि स्कूल खुलने के पहले ही सप्ताह में स्कूल की तरफ से किताबों के लिए जोर डाला गया था। पर पैसों की तंगी की वजह से बच्चे के घर से नई किताबें और स्कूल बैग नहीं मिल पाया था। इस वजह से बच्चा बेहद परेशान था। बच्चे के पिता ने बताया कि बच्चे ने उनके स्कूल बैग औऱ किताबों के लिए कहा था। मैंने उससे कहा कि वो दो दिन में उसे सब चीजें मिल जाएंगी। अभी पैसों की तंगी चल रही है। इसके बाद मैं खेतों में चला गया औऱ जब लौटा तो बच्चे के इस कदम के बारे में जानकारी मिली। वहीं, स्कूल शिक्षक ने कहा कि हमनें बच्चों को नए स्कूल बैग खरीदने के लिए कभी नहीं कहा। हम तो गरीब बच्चों को स्कूल बैग दिलाने के लिए खुद ही मदद करते हैं। वो बच्चा बेहद होशियार था। हमने अपना अच्छा शिष्य खो दिया।