
अशाेक यादव, लखनऊ। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन आज 44वें दिन भी जारी है, लेकिन अब तक गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है। किसानों को मनाने के लिए आज हुई आठवें दौर की वार्ता भी एक बार फिर बेनतीजा रही। 15 जनवरी को अगले दौर बात होगी।
किसान बिल वापसी से कम पर राजी नहीं हैं, जबकि सरकार संशोधन को तैयार है। सरकार के साथ वार्ता से पहले गुरुवार को हजारों किसानों ने दिल्ली के चारों ओर ट्रैक्टर रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया था।
कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। इसके लिए किसानों ने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है।
केन्द्र सरकार इन कानूनों को जहां कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।
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