भारतीय सेना ने इन दिनों कश्मीर घाटी में आतंकियों के खिलाफ सघन अभियान छेड़ रखा है. सेना इस अभियान में अब झेलम नदी में बने टापुओं से इन आतंकियों के सफाये के लिए मरीन कमांडोज़ की भी मदद ले रही है.
नौसेना ने यहां आतंकियों के खात्मे के लिए एक लेफ्टिनेंट कमांडर के नेतृत्व में 30 मरीन कमांडोज़ को वूलर झील में स्थाई रूप से तैनात किया है. वहीं सेना से बचने के लिए झेलम नदी में जा छुपे आतंकियों के खिलाफ चलाए गए अपने हालिया ‘ढूंढ़ो और खत्म करो’ (सर्च एंड डिस्ट्रॉय) अभियान के दौरान सेना ने विशेष मरीन कमांडो दस्ते मार्कोज़ की मदद ली थी.
यह मार्कोज़ टीम कश्मीर में तैनात राष्ट्रीय रायफल्स के अंतर्गत काम कर रही है और इन्हें वूलर झील के पास वतलाब इलाके में तैनात किया गया है. इस टीम उन कमांडोज़ को शामिल किया जाता है, जिन्हें पानी के अंदर (अंडर वाटर) अभियान में महारत होती है.
वहीं सेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि झेलम में बने टापुओं घना जंगल पाया जाता है, जहां आतंकी खुद को और अपने हथियार आसानी से छुपा लेते हैं. ऐसे में ये मार्कोज़ पानी के अंदर-अंदर तैर कर वहां पहुंचते है और फिर उन इलाके की तलाशी लेकर आतंकियों और उनकी पनाहगाह को खत्म कर देते हैं. सेना से जुड़े सूत्र बताते हैं कि मार्कोज़ अभी तक के अभियान में बेहद कारगर साबित हुए हैं.