लखनऊ / नई दिल्ली : सीबीआई में जारी अंदरूनी उथल-पुथल के बीच सीबीआई की ओर से गुरुवार को एक आधिकारिक बयान आया है. बयान के अनुसार इसके दोनों आरोपी अधिकारियों को हटाया नहीं गया है. आलोक वर्मा सीबीआई प्रमुख बने रहेंगे. साथ ही स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना भी अपने पद पर बने रहेंगे. बयान में कहा गया है कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एम नागेश्वर राव अंतरिम निदेशक के तौर पर सभी निर्णय लेंगे, जब तक केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) आरोपों की जांच नहीं कर लेते हैं.
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि गलत खबरों से जांच एजेंसी की विश्वसनीयता पर असर पड़ रहा है. सीवीसी दोनों अधिकारियों के आरोपों की जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि एजेंसी की विश्वसनीयता और छवि को लेकर फैल रही गलत खबरों के के कारण हमारे द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लड़े जा रहे महत्वपूर्ण मामले प्रभावित हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा उठाए जा रहे कदम यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि एजेंसी की विश्वसनीयता को किसी भी तरह से हानि न पहुंचे.
गौरतलब है कि सीबीआई में जारी अंदरूनी लड़ाई अब कोर्टरूम में जा पहुंची है. अचानक छुट्टी पर भेजे जाने से नाराज आलोक वर्मा ने न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. आलोक वर्मा के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बुधवार (24 अक्टूबर) सुबह 6:00 बजे वर्मा को उनके पद से हटाते हुए उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है जो कि गलत है और केंद्र सरकार का फैसला असंवैधानिक है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ आलोक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और सुप्रीम कोर्ट इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगा.
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