लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानमंडल बजट सत्र की शुरुआत आज विधानसभा में विपक्ष द्वारा कानून व्यवस्था के मुद्दे को लेकर जोरदार हंगामे के साथ हुई परिणाम स्वरुप प्रश्नकाल में व्यवधान उत्पन्न हुआ. पूर्वाहन 11:00 बजे सदन की कार्यवाही शुरु होते ही समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी सदस्यों ने प्रदेश में बढ़ते अपराधों के मुद्दे को जोर शोर से उठाते हुए हंगामा शुरू कर दिया और बैनर तथा पोस्टर लेकर सदन के बीचो बीच आ गए.
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने शोरगुल कर रहे सदस्यों से अपने अपने स्थान पर बैठने का आग्रह किया लेकिन हंगामा थमते ना देख सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी.
उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र अब से कुछ ही देर में शुरू होने वाला है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा पहुंच गए हैं. राज्य के वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल बजट पेश करेंगे. उनके सामने किसानों की ऋण माफी की सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुसार बजट तैयार करने की चुनौती है.मई में हुए सत्र में राज्य जीएसटी विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया था. सरकार की ओर से 2017-18 के बजट में फसली ऋण माफ करने के मद में 36,000 करोड़ रुपये और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए 34,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त संसाधन जुटाने का प्रस्ताव होने की उम्मीद की जा रही है. चुनावी घोषणापत्र में किए गए कुछ अन्य वायदों को भी इसमें समाहित किया जा सकता है.
ऐसा पहली बार है कि राज्य सरकर को किसी वित्त वर्ष में इतनी बड़ी राशि की अतिरिक्त फंड के रूप में आवश्यकता होगी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2012-13 में राज्य का कुल ऋण 2, 25,123.59 करोड़ रुपये था जो इस साल 31 मार्च तक बढ़कर 3, 75,049.45 करोड़ रुपये हो गया.
आज के सत्र में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार 2017-18 के लिए वार्षिक बजट पेश करेगी और विपक्षी दल कानून व्यवस्था सहित विभिन्न मुद्दों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को घेरने की कोशिश करेंगे.
बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित पहले ही बता चुके हैं कि मंजूर कार्यक्रम के मुताबिक 28 जुलाई तक चलने वाले इस सत्र में कुल 14 बैठकें होंगी. पूर्व की अखिलेश यादव सरकार ने पिछले साल दिसंबर में इस साल 31 जुलाई तक की अवधि के लिए लेखानुदान पेश किया था.
पारित किये जाने से पहले बजट और विभिन्न विभागों के बजटीय प्रावधानों पर चर्चा के लिए पृथक दिन तय किए गए हैं. बजट के अलावा सदन में कुछ विधायी कार्य भी होगा. सपा, बसपा और कांग्रेस सहित विपक्षी दल कानून व्यवस्था के मोर्चे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं.
कुल 403 सदस्यीय सदन में भाजपा और सहयोगी दलों के पास 325 सदस्य हैं जबकि विपक्ष के पास केवल 74 विधायक हैं.
भाजपा के मार्च में सत्ता में आने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा के पहले सत्र में विपक्षी दलों ने राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर सदन में काफी हंगामा किया था. सदन में विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी की, सीटियां बजायीं और राज्यपाल राम नाईक के संबोधन के दौरान उनकी ओर कागज के गोले बनाकर फेंके.