
अशाेक यादव, लखनऊ। देश के आठ राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही धर्मांतरण विरोधी कानून लाने कर तैयारी में है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि इस सिलसिले में अन्य राज्यों में लागू अधिनियमों का परीक्षण किया जा रहा है और नया अध्यादेश उसी की तर्ज पर आयेगा।
अरूणाचल प्रदेश, ओडीशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और उत्तराखंड में फिलहाल धर्मांतरण विरोधी कानून लागू है। देश में ओडीशा पहला राज्य है जिसने यह कानून 1967 में लागू किया था जिसके अगले साल यानी 1968 में मध्यप्रदेश में इसका अनुसरण किया।
सूत्रों ने बताया कि राज्य विधि आयोग ने पिछले साल धर्मान्तरण जैसे गंभीर मसले पर नया कानून बनाने की सिफारिश की थी। आयोग का मत है कि मौजूदा कानूनी प्रावधान धर्मान्तरण रोकने के लिए पर्याप्त नहीं हैं और इस गंभीर मसले पर दस अन्य राज्यों की तरह नये कानून की आवश्यकता है।
हाल ही में कानपुर और मेरठ में ‘लव जेहाद’ के बढ़ते मामलों के मद्देनजर योगी आदित्यनाथ सरकार ने नये कानून को अमल में लाने की दिशा में गंभीरता से विचार किया है।
अकेले कानपुर में लव जेहाद के 11 मामले पुलिस के पास लंबित है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में कानपुर और लखनऊ दौरे के दौरान धर्मांतरण के मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किये थे। धर्मांतरण विरोधी कानून को लेकर कई राज्यों में गंभीर मंथन जारी है।
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