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उत्तराखंड के पांच जिलों में 48 घंटों के दौरान हो सकती है बहुत भारी बारिश, जारी हुआ अलर्ट

उत्तराखंड : उत्तराखंड के पांच जिलों में आज रात से अगले 48 घंटों के दौरान भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इनमें देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार और चमोली शामिल हैं। इसे लेकर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है। वहीं आज सुबह से देहरादून में हल्की बूंदा-बांदी जारी है। वहीं केदारनाथ और बदरीनाथ हाईवे भी सुचारू है। वहीं रुद्रप्रयाग में नया बस अड्डा मार्ग पर पहाड़ी से बड़े बोल्डर खड़े पिकअप लोडर वाहन पर गिरे। इस दौरान कोई राहगीर नहीं गुजर रहा था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि आज भी प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में बादल छाये रहने और हल्की बारिश होने का अनुमान है। जबकि, पांच जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है। राजधानी के कई इलाकों में गरज और चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री हाईवे के अवरुद्ध होने का सिलसिला जारी है।

रविवार रात से सोमवार शाम तक राजमार्ग दो बार बाधित हुआ। रविवार रात हुई मूसलाधार बारिश से बड़ेथी चुंगी में भूस्खलन सक्रिय होने से गंगोत्री हाईवे पर सोमवार सुबह करीब आठ बजे तक यातायात ठप रहा। इस दौरान प्रशासन ने मनेरा बाईपास होते हुए वाहनों की आवाजाही सुचारु रखी। सुबह आठ बजे बड़ेथी चुंगी वाले हिस्से में मलबे के ढेर के ऊपर से यातायात चालू तो करा दिया गया, लेकिन यहां पहाड़ी से पत्थर गिरने के खतरे को देखते हुए वाहनों की अधिकांश आवाजाही मनेरा होते हुए ही हुई। इसके बाद सोमवार शाम करीब सवा पांच बजे गंगनानी से आगे नाग देवता मंदिर के निकट भारी बोल्डर गिरने के कारण गंगोत्री हाईवे फिर अवरुद्ध हो गया। इस दौरान यहां से बड़ी संख्या में कांवड़ यात्री गुजर रहे थे। हालांकि किसी को चोट नहीं पहुंची और बड़ा हादसा टल गया। सूचना मिलते ही बीआरओ के जवान मौके पर पहुंचे और उन्होंने मलबा साफ कर करीब आधा घंटे में गंगोत्री हाईवे पर यातायात बहाल कर दिया। उधर, यमुनोत्री हाईवे पर ओजरी डबरकोट वाले हिस्से में आवाजाही जोखिमभरी बनी हुई है।

रुद्रप्रयाग में ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत निर्माण कार्य के चलते रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग कई जगहों पर हादसों का सबब बना हुआ है। 76 किमी लंबे राजमार्ग पर जगह-जगह पर डेंजर जोन बरसात से अति संवेदनशील हो गए हैं। बदरीनाथ व कुंड-ऊखीमठ-गोपेश्वर हाईवे पर भूस्खलन जोन सक्रिय हो रखे हैं। केदारनाथ धाम व केदारघाटी को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाला रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर भटवाड़ी के समीप बीते रविवार को पहाड़ी ढह गई थी, जिससे एक वाहन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। यहां पर इन दिनों सड़क चौड़ीकरण के लिए मशीनों से कटिंग की जा रही है, जिससे पहाड़ी संवेदनशील हो गई है। ऐसे में हल्की बारिश या तेज हवा में भी पहाड़ी से मलबे के साथ बोल्डर भी गिर रहे हैं। उधर, तिलवाड़ा में लीसा फैक्ट्री के समीप बीते वर्ष से बना भूस्खलन जोन कभी भी बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है।

यहां पर हाईवे के ऊपर दो सौ मीटर क्षेत्र में पहाड़ी दरक रही है, जिससे बीते दिनों में कई घंटे यातायात बाधित रहा था। बांसवाड़ा में भी राजमार्ग की स्थिति दयनीय बनी हुई है। चौड़ीकरण के लिए हो रहे कटान से पहाड़ियां दरक रही हैं। साथ ही जमीन में पानी रिसने से भूधंसाव का भी खतरा बना हुआ है। यहां पर बीते एक माह में हर तीसरे दिन हाईवे बाधित हो रहा है। कुंड के समीप सेमी गांव में हाईवे भूधंसाव की चपेट में है। यहां पर आपदा के बाद सड़क सुधारीकरण के नाम पर करोड़ों रुपये ठिकाने लगाए जा चुके हैं। उधर, खाट गांव के समीप भी भूस्खलन व भूधंसाव जोन की यही स्थिति है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य से उनके मकानों को भी खतरा पैदा हो गया है।

इधर, रुद्रप्रयाग बाईपास पर भी पहाड़ियां कमजोर हैं, जो बरसात में दरक रही हैं। दूसरी तरफ ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर सिरोहबगड़ भूस्खलन जोन फिर से सक्रिय हो गया है। बीते दस दिनों में यहां पर चार दिन सड़क आधा से दो घंटे तक बंद हो चुकी है। एनएच निर्माण खंड लोनिवि रुद्रप्रयाग के अधिशासी अभियंता जेके त्रिपाठी ने बताया कि ऑल वेदर रोड के तहत गौरीकुंड हाईवे पर कटिंग का कार्य 55 फीसदी से अधिक हो चुका है। जिन स्थानों पर चौड़ीकरण किया जा चुका है। वहां कुछ जगहों पर बारिश में पत्थर व मलबा गिरने का खतरा बना हुआ है। इस समस्या के निस्तारण के लिए हाईवे के सभी डेंजर जोन का भूगर्भीय सर्वेक्षण कराया जा चुका है। बरसात के बाद प्राथमिकता से डेंजर जोन का स्थायी ट्रीटमेंट किया जाएगा।

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