नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार को एम्स में भर्ती पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का हाल जानने पहुंचे। जेटली 9 अगस्त से एम्स में भर्ती हैं। एम्स ने उनकी सेहत को लेकर सात दिन पहले एक स्टेटमेंट जारी किया था, उसके बाद से अभी तक एम्स की तरफ से कोई और स्टेटमेंट जारी नहीं किया गया है। बता दें कि जेटली की स्थिति गंभीर बनी हुई है, वो अभी भी आईसीयू में हैं और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। डॉक्टरी सूत्रों के मुताबिक जेटली के लंग्स में पानी जमा हो रहा है, जिसकी वजह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही है और यही वजह है कि डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा है। सूत्रों का यहां तक कहना है कि लंग्स से पानी निकाला जा रहा है लेकिन बार-बार पानी जमा हो रहा है, इसलिए उनकी स्थिति अभी खतरे से बाहर नहीं हो पा रही है। वहीं पिछले दिनों एम्स की तरफ से जारी स्टेंटमेंट में जेटली को हेमोडायनैमिकली स्टेबल बताया गया था,
जिसका मतलब होता है कि मरीज का ब्लड प्रेशर और पल्स ठीक काम कर रही है। जेटली पेशे से एक वकील हैं और वह भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का अहम हिस्सा रहे थे। उन्होंने वित्त एवं रक्षा दोनों मंत्रालयों का कार्यभार संभाला था और प्रायरू वह सरकार के प्रमुख संकटमोचक के तौर पर कार्य करते रहे हैं।अपने खराब स्वास्थ्य के कारण ही संभवतरू जेटली ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। पिछले साल 14 मई को एम्स में उनके गुर्दे का प्रत्यारोपण हुआ था और उस वक्त उनकी जगह रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला था। लंबे समय से मधुमेह से ग्रसित होने के कारण अपने बढ़े हुए वजन को ठीक करने के लिये सितंबर 2014 में उन्होंने बेरियाट्रिक सर्जरी करायी थी।
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