
दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन स्थलों पर पुलिस और अपराधियों द्वारा पंजाब के किसानों के साथ मारपीट किये जाने एवं उन हमला किये जाने का आरोप लगाते हुए राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने एकजुटता प्रदर्शित करने और तीन विवादास्पद केंद्रीय कृषि कानूनों के संबंध में आगे के रास्ते पर सर्वसम्मति कायम करने के लिए मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलायी है।
अमरिंदर सिंह ने सभी दलों से किसानों के समर्थन में और पंजाब के हित में एकता की भावना से बैठक में पहुंचने की अपील की। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों से उत्पन्न संकट पूरे राज्य एवं उसके लोगों के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि समस्त पंजाबियों एवं राज्य के सभी राजनीतिक दलों के सामूहिक प्रयास से ही इस संकट से प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है और किसानों के हितों की रक्षा की जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दो महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमा पर हमारे किसान मर रहे हैं। उन्हें पुलिस पीट रही है और गुंडे उन पर हमला कर रहे हैं। उन्हें मूलभूत सुविधओं से वंचित करके उन्हें परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में पंजाब के किसानों के उत्पीड़न को देखते हुए राज्य के सभी दलों के लिए यह जरूरी है कि वे साथ आएं और इस मुद्दे पर समावेशी रणनीति तैयार करें।
रविवार को जारी किये गये बयान के अनुसार यह बैठक पंजाब भवन में पूर्वाह्न 11 बजे होगी। मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि यह अहंकार में अलग खड़ा होने का नहीं, बल्कि अपने राज्य एवं अपने लोगों को बचाने के लिए एकसाथ आने का वक्त है। सरकारी बयान के अनुसार इस बैठक में दिल्ली में किसान आंदोलन में हाल के घटनाक्रम, खासकर गणतंत्र दिवस पर हिंसा, सिंघू बॉर्डर पर कृषकों पर हमले और उन्हें बदनाम करने के लिए चल रहे व्यापक अभियान से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की जाएगी।
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