
सरकार, आयुष (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी) उत्पादों के लिए मानक तय रही है ताकि इस क्षेत्र की वस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करके भारत से इनका निर्यात बढ़ाया जा सके। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि वैश्वीकरण और चिकित्सा की पारंपरिक प्रणालियों के बढ़ते उपयोग के साथ, आयुष प्रणालियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों को तय करने की आवश्यकता अनिवार्य हो गई है।
अधिकारी ने कहा, “आयुष (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा और सोवा-रिग्पा, और होम्योपैथी) के मानकों का विकास तथा उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने से इनका अंतराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार बढ़ाने में सहायता मिलेगी।”
अधिकारी ने कहा कि आयुर्वेदिक शब्दावली और औषधीय निर्माण की शब्दावली पर चार भारतीय मानक पहले ही प्रकाशित हो चुके हैं और अश्वगंधा और गिलोय सहित विभिन्न जड़ी बूटियों के लिए इसी तरह की प्रक्रिया चल रही है। अधिकारी ने कहा, “योग चटाई- के भारतीय मानक तैयार करने का काम चल रहा है। इसके अलावा, कई अन्य भारतीय मानकों के निर्माण पर काम चल रहा है।”
इसके अलावा, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) आयुष / पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के लिए एक समर्पित तकनीकी समिति के निर्माण के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) के साथ चर्चा कर रहा है। बीआईएस ने आईएसओ में समिति के निर्माण सहित आईएसओ में भारत के प्रस्तावों का समर्थन करने के लिए मित्र देशों को तैयार करने का भी आयुष मंत्रालय से अनुरोध किया है। भारत से आयुष उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निर्यात संवर्धन परिषद की स्थापना के लिए वाणिज्य और आयुष मंत्रालय पहले ही एक साथ काम करने का निर्णय ले चुके हैं।
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