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सीबीआई निदेशक के चयन में चयन समिति सदस्य के रूप में सीजेआई ने कथित भ्रष्ट सूद के नाम पर सहमति क्यों दी…?

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति ने सीबीआई निदेशक पद के लिए तीन नामों को शॉर्टलिस्ट किया था. हालांकि समिति में शामिल विपक्ष के सदस्य कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने चयन प्रक्रिया पर आपत्ति दर्ज कराते हुए इसे नए सिरे से शुरू किए जाने की मांग की है.

सूत्रों के मुताबिक समिति की बैठक शनिवार (13 मई) को हुई थी.

कैबिनेट की नियुक्ति समिति को भेजे शॉर्टलिस्ट किए गए नाम हैं – कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रवीण सूद, मध्य प्रदेश के डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना और सिविल डिफेंस एवं होम गार्ड की अग्निशमन सेवा के महानिदेशक ताज हसन.

शनिवार को ही प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में समिति की एक अन्य बैठक में चौधरी ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) के चयन पर भी अपनी असहमति दर्ज कराई है.

जहां भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ उस समिति के तीसरे सदस्य हैं, जो सीबीआई प्रमुख का चयन करती है, वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सीवीसी और सतर्कता आयुक्तों का चयन करने वाली समिति के तीसरे सदस्य हैं.

सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने सीबीआई प्रमुख के पद के लिए लगभग 115 नामों की एक सूची भेजी थी, जिसमें कुछ ऐसे अधिकारी भी शामिल थे, जिन्हें सूचीबद्ध नहीं किया गया था.

समझा जाता है कि चौधरी ने इसे ही इंगित किया और यह भी तर्क दिया कि उन्हें सूची में शामिल अधिकारियों के सर्विस रिकॉर्ड, व्यक्तिगत विवरण और सत्यनिष्ठा दस्तावेज (Integrity Documents) प्राप्त नहीं हुए थे.

सूत्रों ने बताया कि सीजेआई ने सुझाव दिया कि अधिकारियों के अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर सूची में काट-छांट की जाए, जिसके बाद इसमें से दर्जन भर नाम कम कर दिए गए.

हालांकि, चौधरी ने तर्क दिया कि सूची तैयार करने में विसंगतियां थीं और मांग की कि कवायद नए सिरे से शुरू की जाए. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को महिला अधिकारियों और अल्पसंख्यक समुदायों से आने वाले लोगों के नामों पर भी विचार करना चाहिए.

सूत्रों के मुताबिक, इसके बाद ताज हसन का नाम शामिल किया गया था और शॉर्टलिस्ट किए गए तीन अधिकारियों के नाम कैबिनेट की नियुक्ति समिति को भेजी गई थी. हालांकि, चौधरी ने यह कहते हुए अपनी आपत्ति दर्ज कराई कि सूची तैयार करने में विसंगतियां थीं, जो नए सिरे से समीक्षा की मांग करती हैं.

प्रवीण सूद 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्हें जनवरी 2020 में 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी अशित मोहन प्रसाद के ऊपर तरजीह देकर, कर्नाटक का पुलिस महानिदेशक नियु्क्त किया गया था.

सुधीर कुमार सक्सेना 1987 बैच के अधिकारी हैं और मार्च 2022 में मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक बनाए गए थे. ताज हसन 1987 बैच के एजीएमयूटी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं और जुलाई 2021 में अपने वर्तमान पद पर नियुक्त किए गए थे.

कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार डीजीपी सूद को नालायक एवं भ्रष्ट कहते रहे हैं, सूद कर्नाटक में कथित रूप से बीजेपी कार्यकर्त्ता के रूप में कार्य करते रहे हैं !

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