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NDA कैंडिडेट को उपराष्ट्रपति पद के लिए नीतीश कुमार का समर्थन

पटना। बिहार में बीजेपी के साथ मिलकर नीतीश कुमार ने भले ही सरकार बना ली हो लेकिन बात जब उपराष्ट्रपति चुनाव की आती है तो नीतीश एनडीए कैंडिडेट गोपालकृष्ण गांधी को ही अपना वोट देंगे। बताया जा रहा है कि गांधी को समर्थन देने के फैसले में कोई बदलाव नहीं होगा। नीतीश का कहना है कि दो मामलों को नहीं मिलाया जाना चाहिए।

जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक नीतीश जी ने हमेशा कहा है कि पार्टी की बिहार और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग भूमिका है। बीजेपी के साथ गठबंधन राज्य की भलाई के लिए किया गया है पर पार्टी ने गांधी को उनकी योग्यता और पहचान के लिए समर्थन दिया है। इसलिए इस फैसले में बदलाव लाने की कोई वजह नहीं है।

राष्ट्रपति पद के लिए नीतीश ने रामनाथ कोविंद को समर्थन दिया था तब उन्होंने RJD और कांग्रेस को कहा था कि उन्होनं सिर्फ राज्य के मामलों के लिए उनसे गठबंधन जोड़ा है लेकिन इसका असर राष्ट्रीय स्तर पर नहीं होगा। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने सभी पार्टियों के विधायकों को बता दिया है कि गोपाल कृष्ण गांधी को ही उनका समर्थन मिलेगा, एनडीए के उम्मीदवार वेंकैया नायडू पर विचार न करें।

बुधवार को जब नीतीश ने महागठबंधन तोड़ने का फैसला लिया तो उन्होंने पार्टी को कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव में उनकी पार्टी की भूमिका के बारे में फ्लोर टेस्ट के बाद ही सोचा जाएगा।

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