
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने सोमवार यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि गो आश्रय स्थलों में पराग पशु आहार की आपूर्ति स्थानीय दुग्ध समितियों के माध्यम से सुनिश्चित कराई जाए। गोशालाओं में गो कास्ठ/मोक्ष दंडिका के उत्पादन हेतु सीएसआर फण्ड से मशीनें स्थापित की जाए, जिससे गोशालाओं का आर्थिक स्वावलम्बन हो सके। सिंह ने कहा है कि भूसा टेंडर का कार्य तत्काल पूर्ण किया जाए। उन्होंने जनपद अमरोहा, बागपत, इटावा, शामली तथा मेरठ के मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों को कार्य प्रणाली में सुधार लाने के निर्देश दिए।
पशुधन मंत्री ने कहा कि वर्तमान में किसानों के खेत से पराली इकट्ठा करके गौआश्रय स्थलों में बिछावन एवं कुट्टी काटकर आहार के रूप में प्रयोग कर लिया जाए। पराली के बदले में गोआश्रय स्थल से किसानों को गोबर की खाद उपलब्ध करायी जाए। जनपदों में पराली संग्रह का अभियान संचालित किया जाए। गौशालाओं में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगवाये जाए।
धर्मपाल सिंह ने दुग्ध विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में दुग्ध समितियों की समीक्षा की जाए। मुख्यालय से अधिकारी जनपदों में जाये और समितियों की बैठक कराए। बंद दुग्ध समितियों को क्रियाशील कराया जाए। डीपीएमसीयू के फोटोग्राफ एवं सर्टीफिकेट भी मंगाये जाए, ताकि वास्तविक स्थिति की पूर्ण जानकारी हो सके।
बैठक में प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने मंत्री को आश्वस्त करते कहा कि उनसे प्राप्त दिशा निर्देशों को अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।
बैठक में विशेष सचिव पशुधन देवेन्द्र पाण्डेय, दुग्ध आयुक्त राकेश कुमार मिश्र, दुग्ध विकास विभाग के विशेष सचिव राम सहाय यादव, पशुपालन विभाग के निदेशक प्रशासन एवं विकास डा0 योगेन्द्र पवार, मुख्य कार्यकारी उ0प्र0 पशुधन विभाग डा0 प्रमोद कुमार सिंह तथा संयुक्त निदेशक पी0के0 सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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