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उप्र राज्यपाल एवं विधानसभा अध्यक्ष की उपस्थिति में सीएसजेएमयू, कानपुर का 39वां दीक्षांत समारोह संपन्न

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई, उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय एवं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी भी रहीं मौजूद

राहुल यादव, सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज शनिवार को छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर का 39वां दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल जी ने कुल 105 मेडल तथा 25 छात्रों को एक से अधिक पदक प्रदान किया। जिसमें एक चांसलर गोल्ड मेडल, दो सिल्वर मेडल, 33 ब्रॉन्ज मेडल, 12 वॉइस चांसलर गोल्ड मेडल के साथ प्रायोजित मेडल दिए गए। समारोह में 118737 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गयी तथा 7 लाख 47 हजार 369 मार्कशीट डिजीलॉकर में अपलोड की गयी। डिजीलॉकर में डेटा अपलोड होते ही सीएसजेएमयू देश भर में नंबर वन पर आ गया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने उपाधि और पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं और उनके अभिभावकों के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि विद्यार्थियों की सफलता के पीछे उनके माता-पिता का महत्वपूर्ण योगदान होता है, इसलिए हमेशा माता-पिता का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि असली सम्मान तब मिलता है जब समाज किसी को संस्कारी के रूप में मान्यता देता है। उन्होंने सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि बेटियों को यह वैक्सीन अवश्य लगवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि शादियों में लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन बेटियों के स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दिया जाता, जो कि आवश्यक है।

इस दौरान कुलाधिपति श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने 153 महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का टीका लगाने के अभियान की शुरुआत की। विवि की ओर से गोद लिए 5 गांव (ईश्वरी गंज, होरा कछार, बरहट बांगर, गबडहा, सुनौड़ा) की 153 बेटियों को सर्वाइकल कैंसर का टीका भी निशुल्क लगाया गया। कुलाधिपति जी की ओर से राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला क्षयरोग अधिकारी को टीबी ग्रस्त मरीजों के लिये पोषण पोटली भी प्रदान की गई। विश्वविद्यालय की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को कैंसर की स्क्रीनिंग की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। इस दौरान ‘तालाब तारण अभियान’ की शुरुआत कुलाधिपति और रामवीर तंवर पांड मैन ऑफ इंडिया की ओर से की गई। सीएसआर फंड के जरिए इन तालाबों को सुधारा जाएगा। भव्य दीक्षांत समारोह के दौरान विश्वविद्यालय की ओर से 20 साड़ी बैंक की शुरुआत भी की गई। इस पहल के तहत युवतियां और महिलाएं यहां से साड़ियां लेकर उसका इस्तेमाल कर उसे बैंक को वापस करे सकेंगी।

राज्यपाल ने किया 153 बेटियों को सर्वाइकल कैंसर का टीका लगाने के अभियान की शुरुआत

फर्रुखाबाद जनपद की आंगनबाड़ियों को 200 शैक्षिक किटों का वितरण भी राज्यपाल द्वारा किया गया। राज्यपाल ने कहा कि ये किटें आंगनबाड़ियों के बच्चों की शिक्षा में सहायता प्रदान करेंगी। उन्होंने यह भी बताया कि गुजरात में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को ’मां यशोदा अवार्ड’ प्रदान किया जाता था, और उत्कृष्ट कार्य करने वाली कार्यकत्रियों को सम्मानित किया जाता था। राज्यपाल जी ने कहा कि आंगनबाड़ी हमारे समाज की नींव है। विकसित भारत का भविष्य इन बच्चों पर निर्भर है, और अगले 25 वर्षों की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर होगी, इसलिए आंगनबाड़ियों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। कुलाधिपती श्रीमती आनंदी बेन पटेल के द्वारा स्कूल ऑफ क्रिएटिव एवं परफार्मिंग आर्ट्स की ओर से नटराजन की मूर्ति का लोकार्पण भी किया गया।

राज्यपाल ने किया 200 आंगनवाडी किटों का वितरण

उन्होंने कहा सर्वाइकल कैंसर किशोरियों के लिए एक चिंताजनक विषय है। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में दूसरा सबसे बड़ा जानलेवा कैंसर है। भारत में हर सात मिनट में एक महिला सर्वाइकल कैंसर से मरती है। इनमें से ज़्यादातर मौतों को ज़्यादा जागरूकता, एचपीवी टीकाकरण और शुरुआती पहचान से रोका जा सकता है। इस टीके को लगाने की सर्वाेत्तम उम्र 9 वर्ष से 14 वर्ष के मध्य है जिसमे केवल दो डोज़ टीके के छह माह के अंतराल में दिए जायेंगे एवं 15 वर्ष से अधिक आयु की बालिकाओं को तीन डोज़ लगाए जायेंगे जो की कुलाधिपति महोदया के आशीर्वाद से विश्वविद्यालय में निःशुल्क लगाए जायेंगे जिसके टीकाकरण को लेकर समाज को जागरुक होना चाहिए। राज्यपाल जी ने कहा कि युवाओं को भी अपने पथ पर सावधानीपूर्वक चलते हुए समाज में अपना योगदान देना चाहिए।

समारोह में 118737 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गयी

कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई। इस दौरान उन्होंने कहा हमें विश्वविद्यालय का छात्र होने पर गौरव होता है, हर छात्र हमारा ब्रांड एंबेसडर है, हमें देश को कुछ देने की भावना को उद्देश्य बनाकर कार्य करना चाहिए। मैंने कभी कल्पना भी नहीं कि थी एक दिन विश्वविद्यालय से मुझे यह सम्मान मिलेगा। मैं इस सम्मान से अभिभूत हूं।
कार्यक्रम में मौजूद मुख्य अतिथि डॉ अभय जेरे ने कहा की शिक्षा किताबी ज्ञान तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए बल्कि अपनी प्रतिभाओं को निखारने के लिए देश में चल रहे नए नए वोकेशनल प्रोग्राम में भी भाग लेना चाहिए। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा की शिक्षा सिर्फ विश्वविद्यालयों तक सीमित नहीं है, ज्ञान और शिक्षा ऐसा गुण है जो की किताबी ज्ञान से परे प्रकृति से भी प्राप्त किया जा सकता है। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती रजनी तिवारी ने कहा कि यूपी की शिक्षा पद्धति में निर्णायक बलाव हुए हैं। आप सभी सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें अब राष्ट्र की जिम्मेदारी आपके कंधों पर है। राष्ट्रहित में अपना योगदान दें। इस दौरान समारोह में महापौर प्रमिला पांडेय, प्रति कुलपति प्रो सुधीर कुमार अवस्थी, कुलसचिव डॉ अनिल कुमार यादव परीक्षा नियंत्रक डॉ राकेश कुमार, वित्त अधिकारी डॉ अशोक कुमार त्रिपाठी, आयुर्वेदाचार्य डॉ वंदना पाठक, कार्य परिषद, अकादमिक परिषद के सदस्य गण, सभी संकायाध्यक्ष, सभी विभागाध्यक्ष, आंगनवाडी, कार्यत्रियां, बच्चे आदि मौजूद रहे।

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