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35 पदक विजेताओं को एकलव्य कोष से 31 लाख रुपये की सहायता एवं मिलेगा आयुष्मान भारत योजना का लाभ तथा बनेगा खेल उपकरण बैंक

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : मुख्यमंत्री आदित्यनाथ प्रदेश में खेल एवं खिलाड़ियों के उच्चस्तरीय प्रदर्शन के लिए उन्हें प्रोत्साहित करने को लेकर बेहद संवेदनशील है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर खिलाड़ियों को खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु प्रोत्साहन देने के लिए एकलव्य क्रीड़ा कोष स्थापित किया गया है। इस कोष के तहत पदक अर्जित करने वाले प्रदेश के 35 खिलाड़ियों को 31 लाख रुपये की आर्थिक सहायता खेल विभाग द्वारा उपलब्ध करा दी गई है।
अपर मुख्य सचिव, खेल एवं युवा कल्याण डा0 नवनीत सहगल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अरविन्द चौधरी को 39वी एनटीपीसी सबजूनियर नेशनल आर्चरी चैम्पियनशिप में तीरंदाजी में स्वर्ण पदक तथा सुश्री चेष्टा देओल को तीरंदाजी में ही रजत विजेता खिलाड़ियों को तीन-तीन लाख की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है। इसी प्रकार जकार्ता में आयोजित हीरो एशिया कप-2022 में हॉकी में कांस्य पद विजेता विष्णुकांत सिंह तथा उत्तम सिंह को भी तीन-तीन लाख रुपये की राशि शारीरिक संवर्घन एवं डाइट मनी के लिए उपलब्ध कराई गई है। इनके अलावा कजाकिस्तान में हुए अण्डर-19 एवं अण्डर-17 एशियन कुश्ती चैम्पियनशिप में रजत पदक प्राप्त करने वाली सुश्री नीलम को दो लाख रुपये, 32वें ओलम्पियाड, टोक्यो-2020 में प्रतिभाग करने वाले एवं 23 ओपन स्प्रिंट नेशनल रोईंग चैम्पियनशिप में रजत पदक विजेता अरविन्द सिहं तथा नेशनल इक्वेस्टेरियन चैम्पियनशिप में घुड़सवारी खेल में रजत पद प्राप्त करने वाली सुश्री म्थवी अस्थाना को एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है। इनके अतिरिक्त अन्य खिलाड़ियों को नियमानुसार 50 हजार से 75 हजार रुपये की राशि दी गई है।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों एवं मण्डलों से राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेता खिलाड़ियों को एकलव्य क्रीड़ा कोष से आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। एकलव्य क्रीड़ा कोष के तहत खेल संघों द्वारा आयोजित राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में पदक विजेता खिलाड़ियो को अपने खेल विधा से संबंधित आवश्यक उपकरणों की खरीद हेतु पांच लाख रुपये तक अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है। सम्बद्धता प्राप्त खेल संघों द्वारा 04 वर्षों के अंतराल पर आयोजित किये जाने वाले एशियन चैम्पियनशिप, एशियन गेम्स, वर्ल्ड कप, विश्व चैम्पियनशिप तथा एशिय कप में पदक विजेता एवं प्रतिभागी खिलाड़ियों को शारीरिक विकास एवं संवर्धन हेतु डाइट मनी के रूप में 03 लाख रुपये की धनराशि प्रतिवर्ष देने का प्राविधान है। इसी प्रकार जूनियर एशियन चैम्पियनशिप, जूनियर विश्व चैम्पियनशिप, जूनियर वर्ल्ड कप, एशियन कप, यूथ ओलम्पिक गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, सैफ गेम्स पदक विजेता एवं प्रतिभागी खिलाड़ियों को 02 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इसके अलावा ओलम्पिक गेम्स हेतु क्वालीफाई/कोचिंग कैम्प हेतु खिलाड़ियों को 05 लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जायेगी। साथ ही खेल प्रतियोगिता एवं प्रशिक्षण के दौरान लगने वाली चोट के उपचार हेतु खिलाड़ी को 05 लाख रुपये वित्तीय मदद देने का प्राविधान किया गया है।
सहगल ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों के क्रीड़ागन में प्रशिक्षण हेतु पंजीकृत खिलाड़ियो, आवासीय क्रीड़ा छात्रावासों के खिलाड़ियो तथा स्पोर्ट्स कालेजेज के आवासीय खिलाड़ियों का आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा कराये जाने का प्रस्ताव मांगा गया है। इन खिलाड़ियों का डाटाबेस तैयार करने हेतु पीएमयू का गठन कराया जा रहा है। साथ ही खिलाड़ियों की सुविधा के लिए एक वेब पोर्टल भी तैयार कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एकलव्य क्रीड़ा कोष के अंतर्गत के0डी0 सिंह बाबू स्टेडियम में पहला खेल उपकरण बैंक बनाया जा रहा है, जिसमें स्पान्सर, भूतपूर्व खिलाड़ियों तथा खेल प्रेमियों द्वारा उपलब्ध कराये गये उपकरण को रखा जायेगा और प्रशिक्षणरत आर्थिक रूप से कमजोर खिलाड़ियों को उनकी आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही जनपद के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये गये हैं कि वे एकलव्य क्रीड़ा कोष के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करें और अधिक से अधिक आवेदन पत्र शासन को उपलब्ध करायें, जिससे प्रशिक्षणरत आर्थिक रूप से कमजोर खिलाड़ियों की सहाता की जा सके।

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