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सोपोर में हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर और 2 आतंकवादी ढेर

बारामूला। उत्तर कश्मीर के सोपोर जिले में शुक्रवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ के दौरान लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक शीर्ष कमांडर समेत दो आतंकवादी मारे गये।

पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि सोपोर के वारपोरा में गुरुवार देर रात आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना मिलने के बाद राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने संयुक्त घेराबंदी एवं तलाश अभियान शुरू किया।

प्रवक्ता ने कहा सुरक्षा बलों के तलाशी अभियान के दौरान जैसे ही उन्हें आतंकवादियों की मौजूदगी का पता चला तो उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा गया। उन्होंने कहा हालांकि छिपे हुए आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण के बजाय सुरक्षा बलों पर स्वचालित हथियारों से अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी।

जिस पर सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ शुरू हो गयी। उन्होंने कहा, “मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी मारे गए और उनके शव मुठभेड़ स्थल से बरामद किए गए। मारे गए दो आतंकवादियां की पहचान फयाज अहमद वार उर्फ रुकाना उर्फ उमर के रूप में हुई है।

वह लश्कर का शीर्ष कमांडर था और वारपोरा का रहने वाला था और दूसरे आंतकवादी की पहचान शाहीन अहमद मीर उर्फ शाहीन मौलवी के रूप में हुई है और वह चेरपाेरा बडगाम के रहने वाला था।

प्रवक्ता ने कहा पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार ये दोनों विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों में शामिल थे और उनके खिलाफ कई मामले दर्ज थे। उन्होंने कहा कि फयाज अहमद वार का आतंकवादियों से संपर्क का एक लंबा इतिहास रहा है क्योंकि वह वर्ष 2008 से आतंकवाद से जुड़ा था।

उसने इससे पहले भी हथियारों और गोला-बारूद के साथ आत्मसमर्पण कर दिया था, रिहाई के बाद फिर से उसने प्रतिबंधित संगठन हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) के लिए काम किया और सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत उसे फिर से हिरासत में लिया गया था। प्रवक्ता ने हालांकि कहा कि वार मार्च 2020 में रिहा होने के बाद फिर से आतंकवादी प्रतिबंधित संगठन एलईटी में शामिल हो गया था।

वह कई आतंकवादी संबंधित मामलों में शामिल समूहों का हिस्सा होने के कारण सुरक्षा प्रतिष्ठानों और नागरिकों की हत्याओं तथा आतंकवादी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। उत्तर कश्मीर में वांछित आतंकवादियों की सूची में वार का नाम शीर्ष पर था। वह आखिरी सक्रिय आतंकवादी था जिसने उत्तरी कश्मीर में कई तरह के अपराध और हिंसा को अंजाम दिया था।”

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