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सेवानिवृत्ति की उम्र फिर से 58 वर्ष करने की तैयारी में पंजाब सरकार

चंडीगढ़। पंजाब सरकार कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष से कम कर फिर से 58 वर्ष करने की तैयारी में है। सरकार यह कदम इसलिए उठाने जा रही है, ताकि चुनाव में पंजाब के लोगों से रोजगार को लेकर जो वादा किया गया है, उसे कुछ हद तक पूरा किया जा सके।  मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि रिटायरमेंट की उम्र कम करने पर विचार चल रहा है।

अकाली भाजपा सरकार ने 2015 में सेवानिवृत्ति की उम्र 58 से 60 वर्ष कर दी थी। चूंकि उस दौरान सेवानिवृत्ति हो रहे मुलाजिमों को एरियर, जीपीएफ फंड आदि देने पर राज्य सरकार पर करीब 2000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ रहा था। सरकार ने रिटायरमेंट की उम्र दो साल के लिए बढ़ा दी थी। अब सरकार चाह रही है कि इसे फिर से 58 वर्ष कर दिया जाए, ताकि युवाओं को सरकारी नौकरी का लाभ मिल सके। कैप्टन अमरिंदर सिंह कहते हैं, अभी इस योजना पर विचार चल रहा है। कई पहलुओं पर विचार किया जाना बाकी है।

हर साल छह-सात हजार युवाओं को मिल सकेगी नौकरी

एक वर्ष में 15 से 18 हजार मुलाजिम सेवानिवृत्त होते हैं, जिसमें दस से 12 हजार के बीच मुलाजिम दो वर्ष की एक्सटेंशन ले लेते हैं। अगर 58 वर्ष की लिमिट फिर से की जाती है, तो हर साल कम से कम छह से सात हजार युवाओं के लिए सरकारी नौकरी के द्वार खुल सकते हैं। मुख्यमंत्री ने यह बात राष्ट्रपति पद के चुनाव में मतदान के बाद पत्रकारों से कही।

ट्रक यूनियन पर पाबंदी का फैसला नहीं होगा वापस

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने फिर कहा है कि ट्रक यूनियनों पर पाबंदी लगाने के राज्य सरकार के फैसले को वापस लेने की कोई संभावना नहीं है। अलबत्ता उन्होंने इस मुद्दे के संबंध में अंतिम नोटिफिकेशन जारी करने से पहले सभी संबंधित पक्षों के विचार सुने जाने का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रक वालों के हितों को सुरक्षित किया जाएगा।

भाड़ा व अन्य दरें निर्धारित किए जाने से पहले यूनियनों के विचार लिए जाएंगे। साथ ही यह भी यकीनी बनाया जाएगा कि छोटे ट्रक मालिकों को आर्थिक रूप में कोई नुकसान न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रक ऑपरेटरों की सभी शिकायतों का निवारण एसडीएम के माध्यम से किया जाएगा, लेकिन ट्रक यूनियनों को खत्म करने के फैसले को वापस नहीं लिया जाएगा, क्योंकि यह फैसला कई अदालती फैसलों की लाइन पर लिया गया है।

वित्तीय स्रोत जुटाने की कोशिश

नए टैक्स के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट घाटे की दरार को कम करने के लिए अतिरिक्त वित्तीय स्रोत जुटाए जाने की कोशिश कर रही है और वित्त मंत्री इस दिशा की तरफ कार्य कर रहे हैं।

निकलेगा एसवाईएल का हल

मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि एसवाईएल का हल निकलेगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री उमा भारती से बात हुई है। 1976 से लेकर आज की स्थिति में बहुत कुछ बदल गया है। आज नदियों में 13 एमएएफ पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि ट्रिब्यूनल बनाकर पानी की फिजिकल जांच होनी चाहिए। इस संबंध में जल संसाधन मंत्रालय को इस बारे अंतिम फैसला लेने से पहले नदियों के पानी की मौजूदा मात्रा का पता लगाने के लिए विनती की है।

कर्ज माफी स्कीम तैयार, एक हफ्ते में लागू होगा फैसला

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि डॉ. टी. हक के नेतृत्व वाली विशेषज्ञ समिति की कर्ज माफी संबंधी अंतिम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इसके साथ सरकार इस समस्या के मद्देनजर समूचा फैसला लेगी और कर्ज माफी को सही मायनों में लागू करन के लिए तरीकों का पता लगाएगी। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री ने प्लान तैयार कर लिया है। एक हफ्ते में इसे लागू कर दिया जाएगा।

जाखड़ के नाम पर विचार नहीं

यह पूछे जाने पर कि गुरदासपुर उप चुनाव में सुनील जाखड़ कांग्रेस का चेहरा हो सकते हैं, इस पर कैप्टन ने कहा कि जाखड़ के नाम पर अभी कोई विचार नहीं हुआ है। इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ उनके मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल भी उपस्थित थे।

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